अभी अभीः चीन में भारी तबाही, 24 घंटे में मिले 4 करोड़ मरीज, बिछी लाशें ही लाशें, भारत में भी तबाही की चेतावनी

Just now: Heavy devastation in China, 40 million patients found in 24 hours, dead bodies lying dead, warning of devastation in India too
Just now: Heavy devastation in China, 40 million patients found in 24 hours, dead bodies lying dead, warning of devastation in India too
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नई दिल्ली: चीन समेत दुनिया के कई देशों में इन दिनों कोरोना के मामलों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। इसके साथ ही भारत में भी कोरोना के नए वैरिएंट BF.7 की दस्तक के बाद लोगों की चिंता बढ़ गई है। कोविड के बढ़ते मामले और बीएफ.7 वैरिएंट को लेकर हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कहा है कि अभी भारत में ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट के मामलों में इजाफा देखने को नहीं मिल रहा है। भारत की आबादी में इसके खिलाफ वैक्सीनेशन और इम्युनिटी दोनों ही कारगर हैं।

भारत में भी म्यूटेट हो सकता है नया वैरिएंट
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के वैज्ञानिक डॉ. समीरन पांडा ने कहा, ‘फिलहाल भारत में कोरोना का डेली पॉजिटिव रेट कम है। इसमें कोई खास इजाफा देखने को नहीं मिल रहा है, लेकिन ऐसा हो सकता है कि ये वायरस म्यूटेट हो। हालांकि इसका मतलब ये नहीं है कि इससे मृत्यु दर में वृद्धि होगी, लेकिन इससे बुजुर्गों को सावधान रहने की जरूरत है।

चीन में फैल रहा कोरोना जीरो कोविड पॉलिसी का नतीजा
चीन में हो रहे कोविड केस में उछाल के सवाल पर एक्सपर्ट्स ने कहा कि ये बात सही है कि चीन में इन दिनों कोरोना मामलों में इजाफा हो रहा है। साथ ही वहां के अस्पतालों में गंभीर मामले भी सामने आ रहे हैं। मरीजों को आईसीयू में भर्ती करना पड़ रहा है और मौतों के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमारी भी यही स्थिति होने जा रही है। चीन में जो कुछ हो रहा है वो वहां की जीरो कोविड पॉलिसी का नतीजा है। फिलहाल भारत में ओमिक्रॉन के दूसरे सब वैरिएंट के मामले देखने को मिल रहे हैं, जिससे घबराने या डरने की कोई जरूरत नहीं है। हमें एक ही समय में प्रदूषण और कोविड से खुद को बचाने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखने और मास्क पहनने का ध्यान रखना चाहिए।

भारत में बन गई एंटीबॉडीज
एम्स के पूर्व निदेशक और वर्तमान में मेदांता डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा, ‘भारत में कोरोना वायरस की तीन लहरें देखने को मिली हैं। इसके खिलाफ भारत की आबादी में एंटीबॉडीज बन गई हैं, साथ ही हेल्थ निगरानी सिस्टम में भी सुधार हुआ है। समय से वैक्सीनेशन की वजह से लोगों में कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी मजबूत हो गई है। एंटीबॉडी विकसित होने से कोविड-19 की संक्रमण और इससे होने वाली मौतों का खतरा भी कम हो गया है।

डॉ गुलेरिया ने कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट से उभरना अभी भी एक चिंता की बात हो सकती है, अभी महामारी के बारे में भविष्यवाणी करना भी मुश्किल है। लेकिन ऐसा लगता है अब हम एक स्थिर स्थिति में पहुंच चुके हैं, जहां अभी भी कोरोना के मामले तो मिल रहे हैं, लेकिन वो सांस संबंधी संक्रमण के हैं। लेकिन ये डेल्टा वैरिएंट के जैसे गंभीर मामले नहीं हैं।