अभी अभीः ड्रोन अटैक पर भडका भारत, हमलावरों को पाताल से खोजकर लेंगे बदला

Just now: India enraged over drone attack, will seek revenge from underworld
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नई दिल्‍ली: भारत आ रहे दो व्यापारिक जहाजों पर हाल में हुए ड्रोन हमले पर सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया आई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हमलावरों को खुली चेतावनी दी है। उन्‍होंने कहा है कि जिन्होंने भी इस हमले को अंजाम दिया है, उन्हें सागर तल से भी ढूंढ निकाला जाएगा। समंदर में व्‍यापारी जहाजों पर अटैक के बीच रक्षा मंत्री का यह बयान कई लिहाज से महत्‍वपूर्ण है। यह भारत की बढ़ती समुद्री ताकत को दिखाता है। इससे यह भी पता चलता है कि हमारी सैन्‍य शक्ति जल, थल और आकाश तीनों मोर्चों पर सभी तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है। भारत ने व्यापारी जहाजों पर समुद्री डकैती और ड्रोन हमलों का मुकाबला करने के लिए चार नए युद्धपोत तैनात किए हैं। इसके अलावा पी8आई विमान, डोर्नियर्स, सी-गार्डियन, हेलीकॉप्टर और भारतीय तट रक्षक जहाज भी इन खतरों का मुकाबला करने में शामिल हो रहे हैं।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने खुले समुद्र में दो जहाजों पर हाल ही में हुए ड्रोन हमलों पर कड़ा रुख अपनाया है। मंगलवार को उन्‍होंने चेतावनी दी कि हमलावरों को कड़ी सजा दी जाएगी। भारत संपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र के लिए नेट सुरक्षा प्रदाता की भूमिका निभा रहा है। सिंह ने कहा, ‘भारतीय नौसेना ने समुद्र की निगरानी बढ़ा दी है। भारत ने अरब सागर में ‘एमवी केम प्लूटो’ और लाल सागर में ‘एमवी साईं बाबा’ पर हाल ही में हुए ड्रोन हमलों को बहुत गंभीरता से लिया है। जिस किसी ने भी इन हमलों को अंजाम दिया है, हम उन्हें ढूंढ लेंगे, भले ही वे समुद्र तल में छिपे हों।’

ड्रोन हमलों का मुकाबला करने को कई तरह की तैयारी
नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल राधाकृष्णन हरि कुमार ने कहा कि भारत ने व्यापारी जहाजों पर समुद्री डकैती और ड्रोन हमलों का मुकाबला करने के लिए कई तरह की तैयारी की है। चार नवीनतम युद्धपोतों को तैनात किया गया है। इनके अलावा पी8आई विमान, डोर्नियर्स, सी-गार्डियन, हेलीकॉप्टर और भारतीय तट रक्षक जहाज भी इन खतरों का मुकाबला करने में शामिल हो रहे हैं।

रक्षामंत्री ने आज नवीनतम और सबसे शक्तिशाली युद्धपोत ‘इंफाल’ का जलावतरण किया। उन्‍होंने हमलों के लिए समुद्र में बढ़ती अशांति को जिम्मेदार ठहराया। रक्षा मंत्री बोले, ‘भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत और रणनीतिक शक्ति के कारण कुछ ताकतों में ईर्ष्या और नफरत भर गई है।’

रक्षा मंत्री ने भरोसा दिया, ‘हम पूरे आईओआर के लिए एनएसपी की भूमिका में हैं… हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इस क्षेत्र में समुद्री व्यापार समुद्र से आसमान तक पहुंचे। इसके लिए हम अन्य मित्र देशों के साथ मिलकर समुद्री वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए समुद्री मार्गों को सुरक्षित रखेंगे।’

सिंह ने कहा कि पहले देश को ज्यादातर जमीनी खतरों का सामना पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर करना पड़ता था। भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना पर ध्यान दिया जाता था। हालांकि, समुद्र और महासागरों की सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के तहत भारतीय नौसेना पर भी उतना ही ध्यान दिया जा रहा है।

सिंह ने बताया, ‘अगर हम भौगोलिक दृष्टिकोण से अंतरराष्ट्रीय वस्तुओं की आवाजाही पर विचार करें तो उत्तर में हिमालय और पश्चिम में पाकिस्तान के कारण वहां सीमित व्यापार संभव है। हमारा अधिकांश सामान समुद्र के माध्यम से आता है।’

उन्होंने कहा कि नया युद्धपोत आईएनएस इंफाल भारत की बढ़ती समुद्री शक्ति को दर्शाता है। यह पोत ‘जलमेव यस्य, बलमेव तस्य’ यानी जो पानी पर शासन करता है के सिद्धांत को और मजबूत करेगा। यह भारत-प्रशांत क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली है।

इस अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल राधाकृष्णन हरि कुमार ने कहा कि आईएनएस इंफाल न केवल समुद्र से उत्पन्न होने वाले भौतिक खतरों से निपटेगा, बल्कि राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वाले नापाक मंसूबों को रोकने में भी मदद करेगा।

एडमिरल कुमार ने कहा, ‘एक बार चालू होने के बाद जहाज के चालक दल में हमारे समाज के हर वर्ग, हमारे जनसांख्यिकी रूप से समृद्ध देश के हर क्षेत्र और राज्य के कर्मी शामिल होंगे – सभी एक मजबूत टीम में शामिल होंगे जो एक दूसरे के लिए और हमारे लिए अपना जीवन दांव पर लगाने के लिए तैयार हैं। पवित्र तिरंगा भारत की अंतर्निहित अखंडता को दर्शाता है।’

इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए भारतीय नौसेना को देश के प्रत्येक जिले, ब्लॉक और गांव से – भारत के हर कोने से – पुरुष और महिला दोनों – कम से कम एक अग्निवीर को शामिल करने की उम्मीद है।

एडमिरल कुमार ने कहा, ‘हम सेवा में रहते हुए उन्हें कौशल प्रदान करेंगे, शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से उनकी क्षमताओं को प्रमाणित करेंगे, उनमें राष्ट्रवाद की भावना पैदा करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि वे अमूल्य संपत्ति के रूप में नागरिक क्षेत्र में फिर से शामिल हों। हमारा उद्देश्य पूरे देश में ऐसे राष्ट्रवादी कार्यबल को फैलाना है।’

आईएनएस इंफाल की बताईं खूब‍ियां
इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि आईएनएस इंफाल का भारतीय नौसेना, मणिपुर राज्य, पूरे उत्तर-पूर्व और भारत में एक विशेष स्थान है। नया युद्धपोत दुश्मन पर ‘आग बरसाएगा’ जैसा कि ड्रैगन हेड और शेर के शरीर वाले कांगला-सा जहाज के शिखर में परिलक्षित होता है और प्रतिकूल परिस्थितियों के सामने अदम्य संकल्प का प्रदर्शन करेगा।

एडमिरल ने गर्व से कहा, ‘यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इंफाल पहला युद्धपोत है, जिसने सतह से सतह तक मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।’

भारतीय नौसेना ने तीन युद्धपोतों को चालू किया है। 2021 में विशाखापत्तनम, 2022 में मोर्मोगोआ, 2023 में इंफाल और 2024 में ‘सूरत’ के शामिल होने की उम्मीद है। इससे यह चार वर्षों में लगातार चार हो जाएगा, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

शनिवार को पोरबंदर से लगभग 217 समुद्री मील की दूरी पर 21 भारतीय चालक दल के सदस्यों वाले वाणिज्यिक जहाज ‘एमवी केम प्लूटो’ पर एक ड्रोन हमला किया गया था। इसके बाद भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल ने जहाज को सहायता प्रदान करने के लिए कई पोत तैनात किए। जहाज अपराह्न साढे़ तीन बजे मुंबई तट पर पहुंचा। मुंबई के रास्ते में भारतीय तटरक्षक जहाज आईसीजीएस विक्रम ने उसे सुरक्षा प्रदान की।

फिर भारतीय चालक दल के 25 सदस्यों के साथ गैबॉन के ध्वज वाले वाणिज्यिक कच्चे तेल के टैंकर पर दक्षिणी लाल सागर में ड्रोन हमला हुआ था। भारतीय अधिकारियों ने बाद में स्पष्ट किया कि वाणिज्यिक तेल टैंकर भारतीय ध्वज वाला जहाज नहीं था।