अभी अभीः लखीमपुर में राकेश टिकैत के पीछे पडे लोग, जमकर भडके, धरने पर ही…

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लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसान नेता राकेश टिकैत के खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे हैं। किसान नेता के खिलाफ माहौल उनके एक बयान पर गरमाया है। राकेश टिकैत ने एक टीवी इंटरव्यू में लखीमपुर के लोगों को कथित तौर पर गुंडा कह दिया। इसके बाद से लोगों का गुस्सा भड़क उठा है। सरकार और प्रशासन के खिलाफ लखीमपुर में राकेश टिकैत किसान आंदोलन कर रहे हैं। यहां से वे अपने आंदोलन को ऑक्सीजन देने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, अब उनको आंदोलन स्थल के पास ही विरोध का सामना करना पड़ रहा है। राकेश टिकैत लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कांड में मारे गए किसानों को न्याय दिलाने की मांग और सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ एक बार धरने की रणनीति पर उतरे। हालांकि, पहले ही कदम पर उन्हें उनके ही बयान के बाद विरोध झेलना पड़ा है। इस मामले में वे सफाई देते नजर आ रहे हैं।

यूपी के लखीमपुर खीरी में संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट का 75 घंटों का आंदोलन चल रहा है। इस दौरान किसान नेता राकेश टिकैत का एक निजी चैनल पर लाइव डिबेट के दौरान लखीमपुर जनपद के लोगों की नश्ल से जुड़ी एक टिप्पड़ी कर दी। जिले के लोगों को गुंडा कह दिया। इस मामले पर विवाद भड़क गया है। पूरे जिले में देखते ही देखते सोशल मीडिया पर टिकैत और उनके आंदोलन का विरोध शुरू हो गया। हालांकि, सोशल मीडिया पर विरोध को देखते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने सफाई देते हुए एक वीडियो भी जारी किया है। लखीमपुर के लोगों और कई समाजसेवी संस्थानों में टिकैत के बयान को लेकर अभी भी रोष है।

75 घंटे का चल रहा है धरना
लखीमपुर खीरी की राजापुर मंडी में किसान संगठनों का 75 घंटे का धरना चल रहा है। किसान समस्याओं, किसान आंदोलन के दौरान सरकार की ओर से किए गए वादों को पूरा नहीं किया जाना और तिकुनिया कांड के खिलाफ चले आंदोलन में बड़े पैमाने पर किसान नेता पहुंचे हैं। कहा जा रहा है कि इस आंदोलन के जरिए राकेश टिकैत बड़े आंदोलन की नींव तैयार कर रहे हैं। इस आंदोलन में भाग लेने के लिए देश कई प्रांतों के किसान और किसान नेता जुट रहे हैं। वहीं, पंजाब के 31 किसान संगठनों सहित समाज सेवी और जन आंदोलन से जुड़े लोगों की सहभागिता तय की गई है। आंदोलन में मुख्य रूप से नर्मदा बचाओ अभियान की अगुआई करने वाली मेधा पाटकर, मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे और किसान नेता योगेंद्र यादव, दर्शन पाल आदि शामिल हुए।

सरकार पर जोरदार हमला
किसान आंदोलन में सरकार के खिलाफ जोरदार हमला बोला गया है। किसान नेताओं और सामजिक कार्यकर्ताओं ने किसानों की समस्याओं, बिजली बिल, एमएसपी, जमीन अधिग्रहण जैसे मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाया। इसके अलावा गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी का मुद्दा भी जोरदार तरीके से उठा। कार्यक्रम को कवर करने के लिए नेशनल मीडिया भी यहां पहुंची हुई है। इसी दौरान बृहस्पतिवार शाम को एक निजी चैनल की लाइव डिबेट में किसान नेता लखीमपुर खीरी के लोगों को गुंडा और एक नश्ल से संबंधित टिप्पड़ी कर दी।

अब सफाई दे रहे राकेश टिकैत
धरने के दूसरे दिन जब राकेश टिकैत सहित सयुंक्त किसान मोर्चा का प्रतिनिधि मंडल तिकुनिया कांड में जेल में बंद किसानों से मिलकर वापस आए। उसके बाद निजी चैनल को दिया गया राकेश टिकैत का ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। जिले के लोगों की भावनाएं आहत हुई तो उन्होंने टिकैत के आंदोलन के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया। लोगों का गुस्सा भड़कता देख राकेश टिकैत को सफाई के लिए मीडिया के सामने आना पड़ा।

राकेश टिकैत ने मामले में सफाई देते हुए अपना एक वीडियो जारी करते हुए कहा है कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर दिखाया है। मैंने जिले के लोगों को नहीं, टेनी और उनकी कंपनी के लिए यह बात कह है। हालांकि, पूरे मामले पर किसान नेता राकेश टिकैत ने सफाई देते हुए एक वीडियो जरूर जारी किया। हालांकि, बयान पर कोई अफसोस या खेद नही प्रकट किया है। इसके कारण लोगों में रोष है।