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GyanVapi Kuan: ज्ञानवापी मामले पर ASI सर्वे को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. ASI सर्वे रिपोर्ट गुरुवार की रात को सार्वजनिक कर दी गई. 839 पेज की यह रिपोर्ट हिंदू-मुस्लिम दोनों पक्षों को सौंपी गई है. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया है कि रिपोर्ट में ज्ञानवापी के मंदिर होने के 32 सबूत मिले हैं. इसमें परिसर में महामुक्ति मंडप का मिलना, हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां, स्वास्तिक और नाग देवता के निशान, मंदिर के स्तंभ या खंभ, इसके मंदिर के सबूत देते शिलालेख और फारसी में लिखा वो शिलालेख भी मिला है जिसमें औरंगजेब का मंदिर को गिराने का आदेश लिखा है. ऐसे में साबित होता है कि यहां एक भव्य मंदिर था, जिसे गिराकर और उसके ऊपर निर्माण करके उसे मस्जिद का रूप दिया गया.
हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण है ज्ञानवापी का स्थान
हिंदुओं की आस्था के केंद्र काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी को मस्जिद कहने पर लंबे समय से विवाद है. हिंदू धर्मग्रंथों में ज्ञानवापी के निर्माण का साफ उल्लेख है. अब तो सामने आई रिपोर्ट में भी यह मान लिया गया है कि यहां भव्य मंदिर था.
ज्ञानवापी एक कुआं है, जिसका मतलब है ज्ञान का तालाब. जो कि काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी परिसर के बीच मौजूद है. यह 10 फीट गहरा कुआं है. स्कंद पुराण के अनुसार अपने त्रिशूल से इस कुएं को बनाया था. यह कुआं काशी विश्वनाथ शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए बनाया गया था. मान्यता है कि इस कुएं का जल बहुत ही पवित्र है और इसे पीने से ज्ञान की प्राप्ति होती है.
ज्ञानवापी के जल से होता था अभिषेक
ज्ञानवापी के जल से ही काशी विश्वनाथ का अभिषेक होता था. यह परंपरा सदियों तक चली. लेकिन बाद में 1669 में औरंगजेब ने इसे तोड़ा और इस पर मस्जिद बनवा दी. जबकि इस मस्जिद का पिछला हिस्सा बिल्कुल मंदिर की तरह लगता है.