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नई दिल्ली. मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने मध्य प्रदेश प्रोफेशनल बोर्ड एग्जामिनेशन (VYAPAM) नाम बदल दिया है. अब यह कर्मचारी चयन बोर्ड (MP Karmchari Chayan Board) के नाम से जाना जाएगा. साथ ही अब यह विभाग जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (GAD) के अधीन आएगा.
इन भर्तियों के लिए आयोजित करता है परीक्षा
मध्यप्रदेश पीईबी प्रदेश का एक बोर्ड है, जो राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों में तृतीय वर्ग के कर्मचारियों (Class 3 employee) की भर्ती और मेडिकल इंजीनियरिंग समेत अन्य प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन करता है. पहले यह रिक्रूटमेंट बोर्ड (MP Recruitment Board) एमपी तकनीकि शिक्षा विभाग के अधीन था.
जानें कैसे पड़ा था VYAPAM नाम
वर्ष 1970 में मध्यप्रदेश प्री मेडिकल टेस्ट बोर्ड का गठन किया गया था. इसके बाद 1981 में प्री इंजीनियरिंग बोर्ड का गठन हुआ. एक साल बाद ही 1982 में दोनों बोर्डों का विलय कर दिया गया और इसे व्यवसायिक परीक्षा मंडल (VYAPAM) नाम दिया गया था. इसके बाद से ही इसे व्यापम नाम से जाना जाने लगा था.
घोटाले ने किया नाम खराब
व्यापम का नाम वर्ष 2013 में एक बड़े घोटाले के कारण खराब हो गया. 2013 में राज्य की स्पेशल टास्क पुलिस फोर्स ने इस घोटाले का पर्दाफाश किया था. हालांकि मामला पेंचिदा होने का कारण इसे 2015 में सीबीआई को सौंप दिया गया था. इस पूरे घोटाले में सीबीआई ने 154 अलग-अलग केस बनाए और करीब 3500 लोगों को दोषी ठहराया. अब तक मामले में 100 से ज्यादा लोगों को सजा हो चुकी है. वहीं, अब तक कई लोगों जान भी जा चुकी है.