मोबाइल फोन की लत माता-पिता को कर रही है बच्चों से दूर, इस सर्वे की रिपोर्ट देख पैरेंट्स हो जाएंगे शर्मिंदा

Mobile phone addiction is driving parents away from their children, parents will be embarrassed after seeing the report of this survey.
Mobile phone addiction is driving parents away from their children, parents will be embarrassed after seeing the report of this survey.
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Cell Phone-Addicted Parents: आज हम आपको भारतीय समाज को आइना दिखाने वाली एक सर्वे रिपोर्ट का जिक्र करेंगे जिसके आंकड़े, मोबाइल फोन की आदत से मजबूर माता-पिता को शर्मिंदा कर सकते हैं. अगर आप भी अपने बच्चों से ज्यादा मोबाइल फोन के साथ वक्त बिताते हैं तो ये खबर आपको जरूर देखनी चाहिए. सेलफोन की वजह से पैरेंट्स और बच्चों के रिश्तों पर पड़ने वाले असर को लेकर मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनी वीवो ने साइबर मीडिया रिसर्च के साथ मिलकर एक सर्वे किया है, जिसके नतीजे चौंकाने वाले हैं.

फोन के बिना रहना मुश्किल

इस सर्वे में शामिल 90 फीसदी माता-पिता ने माना कि वो फोन के बिना नहीं रह सकते और हर दिन औसतन साढ़े सात घंटे मोबाइल फोन पर बिताते हैं.

स्मार्ट फोन पर बीत रहा वक्त

92 फीसदी माता-पिता ने कहा कि उनका ‘Family Time’ या ‘Me Time’ अब ‘Mobile Phone Time’ में बदल गया है, यानी जो टाइम उन्हें अपने परिवार या खुद को देना चाहिए, वो टाइम स्मार्ट फोन पर बिता रहे हैं.

क्वालिटी टाइम की कमी

90 फीसदी पैरेंट्स ने ये कबूल किया कि मोबाइल फोन पर बिजी रहने की वजह से अपने बच्चों के साथ Quality Time नहीं बिता पा रहे हैं.

आंख खुलते ही चाहिए मोबाइल

87 फीसदी लोगों ने इस बात को माना है कि सुबह आंख खुलते ही सबसे पहले वो मोबाइल फोन देखते हैं.

भोजन के वक्त भी चैन नहीं

60 फीसदी लोगों ने माना कि वो चाहे परिवार के साथ बैठे हों, या खाने की टेबल पर भी मोबाइल फोन साथ में रहता है.

आउटिंग में भी सेलफोन की लत

61 फीसदी माता-पिता ने माना कि जब वो दोस्तों या परिवार के साथ बाहर गए हों या मूवी देख रहे हों, तो भी मोबाइल फोन उनका ध्यान खींच लेता है.

डिस्टर्बेंस होती है महसूस

90 प्रतिशत माता-पिता ने माना कि जब वो फोन में Busy होते हैं और उनके बच्चे कुछ पूछ लें तो वो इरिटेट यानी चिड़चिड़े हो जाते हैं.

वक्त रहते संभल जाएं

ये सर्वे इस बात की तरफ इशारा कर रहे हैं कि माता-पिता को वक्त रहते सतर्क होने की जरूरत है, वरना ऐसा न हो कि उनका बच्चा भावनात्मक रूप से उनसे दूर हो जाए.