मोदी सरकार का छत्तीसगढ़ को शानदार तोहफा, 12 समुदायों को किया अनुसूचित जनजाति में शामिल

Modi government's wonderful gift to Chhattisgarh, 12 communities included in Scheduled Tribes
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छत्तीसगढ़ के 12 समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया है. ये फैसला केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया है. देशभर के 5 राज्यों में कुछ जातियों को ST सूची रखने का निर्णय लिया गया है. इसको लेकर छत्तीसगढ़ के जनजातियों खुशी की लहर है क्योंकि लंबे समय से छत्तीसगढ़ के कई समुदाय के लोग एसटी सूची में शामिल होने के लिए सरकार से मांग कर रहे थे.

मोदी कैबिनेट में छत्तीसगढ़ के लिए बड़ा फैसला

दरअसल बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट बैठक हुई है. इस बैठक में छत्तीसगढ़ के कुछ जातियों की लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है. केंद्रीय कैबिनेट ने छत्‍तीसगढ, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश की कुछ जातियों को अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल करने को मंजूरी दी. जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि इन जातियों के लोग काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे, जिसे पूरा किया गया है.

भारियाभूमिया के पर्याय के रूप में भूईंया, भूईयां,भूयां नाम के अंग्रेजी संस्करण को बिना बदलाव किए भरिया के रूप में भारिया का सुधार किया गया है. पांडो के साथ पंडो, पण्डो, पन्डो धनवार के पर्याय के रूप में धनुहार और धनुवार है. इसके अलावा गदबा,गोंड के साथ गोंड़, कोंध के साथ कोंद कोडाकू के साथ कोड़ाक. नगेसिया, नागासिया के पर्याय के रूप में किसान. धनगढ़ का परिशोधन,धांगड़ सावर, सवरा के पर्याय के रूप में सौंरा, संवरा और बिंझिया को शामिल किया गया है.

छत्तीसगढ़ में 78 लाख से अधिक आदिवासी हैं

गौरतलब छत्तीसगढ़ एक ट्राइबल स्टेट है, यहां बस्तर से सरगुजा तक आदिवासियों की बसाहट है. 2011 में राज्य की कुल जनसंख्या का 30 प्रतिशत हिस्सा आदिवासियों का ही है. इनमें से 5 आदिवासियों को केंद्र सरकार ने अति पिछड़ा जनजाति में शामिल किया गया है. इसके अलावा राज्य सरकार ने 2 जनजातियों की अति पिछड़ा माना है. लेकिन इसके बाद भी राज्य के कई जातिय समुदाय आदिवासी होने के बाद भी केवल जाति के नाम पर मात्रात्मक त्रुटि के कारण सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता था पर अब भारत सरकार ने सुधार कर दिया है.