जेल के बाहर दहाड़े मारकर रोने लगे मनीष गुप्ता के हत्यारोपी पुलिस वाले बोले: हमसे…

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गोरखपुर में कानपुर के एक व्यवसायी मनीष गुप्ता की कथित रूप से पुलिस की पिटाई से हुई मौत के मामले में हत्यारोपित सिपाही प्रशांत कोर्ट से जेल ले जाते समय फूटकर रो पड़ा। दरअसल मंगलवार को प्रशांत कुमार व राहुल दुबे को लंबी पूछताछ के बाद कोर्ट ले जाया गया। कोर्ट ले जाते वक्त प्रशांत की आंखों में आंसू थे। वहीं जब उसे कोर्ट से जेल भेजा जाने लगा तो पुलिस वैन में बैठते ही वह दहाड़े मार कर रोने लगा।

प्रशांत ने रोते हुए कहा कि, मेरा तो कैरियर बर्बाद हो गया। सिपाही ने कहा कि मनीष गुप्ता हत्याकांड में उसकी कोई गलती नहीं थी, कर्मचारी होने के नाते वो फंस गया, उसका तो पूरा कैरियर ही बर्बाद हो गया। प्रशांत ने कहा कि, वह थानेदार के साथ होटल गया था। बस इसी के चलते वह फंस गया। उसने कहा कि, नौकरी में आने के बाद उसके कई सपने थे, लेकिन सब सच होने से पहले ही खत्म हो गए।

सिपाही ने रोते हुए कहा कि, उस दिन होटल पहुंचने पर वो गाड़ी से बाहर नहीं निकल रहा था, लेकिन आदेश पाने के बाद उसे बाहर निकलना पड़ा। प्रशांत को फूट-फूटकर रोता देख दारोगा राहुल का भी गला भर आया। उसने प्रशांत को ढांढस बधाने की कोशिश और फिर दोनों एक दूसरे से लिपटकर रोने लगे।

गौरतलब है कि, गोरखपुर पुलिस ने बीते मंगलवार की दोपहर में हत्यारोपी दरोगा राहुल दुबे और सिपाही प्रशांत कुमार को गिरफ्तार किया। ये दोनों सीधा कोर्ट में हाजिर होने की मंशा से गोरखपुर पहुंचे थे। लेकिन पुलिस ने इन्हें आजाद चौक से गिरफ्तार कर लिया और एसआईटी कानपुर के हवाले कर दिया। प्रशांत और राहुल पर कानपुर पुलिस ने एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।

बता दें कि गोरखपुर के एक होटल में कानपुर के एक 38 वर्षीय प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की 28 सितंबर की सुबह मौत हो गई थी। इसका आरोप उन पुलिस कर्मियों पर लगा जो मनीष गुप्ता के कमरे में अपराधियों की तलाश करने का दावा कर घुसे थे। आरोप के मुताबिक तलाशी के दौरान इन पुलिसकर्मियों ने कथित रूप से मनीष गुप्ता की पिटाई की, जिससे उसकी अस्पताल में उसकी मौत हो गई।