जोधपुर सिलेंडर ब्लास्ट मामले में बातचीत सफल, धरना खत्म: 17 लाख और ठेके पर नौकरी का ऑफर

Negotiations successful in Jodhpur cylinder blast case, strike over: 17 lakhs and contract job offer
Negotiations successful in Jodhpur cylinder blast case, strike over: 17 lakhs and contract job offer
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जोधपुर। जोधपुर सिलेंडर ब्लास्ट कांड के पीड़ितों को मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर सर्वसमाज सड़कों पर उतर आया। रविवार दोपहर रैली कलेक्ट्रेट पहुंची और ज्ञापन सौंपा गया। देर रात सहमति बनी तो धरना समाप्त कर दिया गया।

जोधपुर सिलेंडर ब्लास्ट कांड मामले में जिला कलेक्ट्रेट में रविवार रात 10 बजे पीड़ित परिजनों की ओर से पहुंचे प्रतिनिधिमंडल व प्रशासन के बीच मांगों को लेकर सहमति बन गई। इसके बाद पूर्व विधायक बाबू सिंह राठौड़ ने धरना समाप्त होने की घोषणा की। साथ ही कहा कि मॉर्च्युरी से शव उठा लिए जाएंगे। संभागीय आयुक्त कैलाश चंद्र मीणा ने बताया कि मृतकों के परिजनों को 17 लाख रुपए व पात्र आश्रितों को संविदा पर नौकरी का प्रस्ताव सरकार को भेजने पर सहमति बनी है।

प्रतिनिधि मंडल में शामिल पूर्व विधायक बाबू सिंह राठौड़ व बाली विधायक पुष्पेंद्र सिंह राणावत को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मांगों पर बात करने के लिए सोमवार को अलवर बुलाया है।

प्रतिनिधि मंडल के नेताओं ने क्या कहा

पूर्व विधायक बाबू सिंह राठौड़ ने रविवार रात 10 बजे धरना समाप्त होने की घोषणा करते हुए कहा कि भूंगरा गांव के हादसे में मृतकों के आश्रितों व पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा देने के लिए रैली के रूप में जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। यहां सुबह से वार्ताएं चल रही थीं। इस दौरान राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से बात हुई है। उन्होंने कल मुझे और पुष्पेंद्र सिंह राणावत को सोमवार को अलवर बुलाया है।

राठौड़ ने कहा कि सीएम ने कहा जिस दिन घटना हुई थी मैं अस्पताल आया था, हालात देखे थे। इस पर अलवर में आपसे चर्चा करूंगा। राठौड़ ने कहा कि मृतकों के आश्रितों को 17 लाख रुपए और हर मृतक के आश्रित को संविदा पर नौकरी पर सहमति बनी है। जिला कलेक्टर प्रस्ताव सरकार को भेज रहे हैं। संविदा पर नौकरी की बात मृतकों के परिजनों व घायलों के लिए की गई है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कल अलवर में इस मुद्दे पर बात करेंगे। उन्होंने कहा है कि वे पीड़ित परिवारों के साथ हैं।

बाली विधायक पुष्पेंद्र सिंह राणावत ने कहा कि मुख्यमंत्री से इस विषय में बात हुई है। भूंगरा की घटना मामूली घटना नहीं है। एक ही परिवार के कई सदस्य खत्म हो गए। सीएम रिलीफ फंड में कई बार ज्यादा मुआवजा भी दिया गया है। आज 17 लाख के पैकेज पर बात हुई है। मुख्यमंत्री ने अलवर बुलाया है। विश्वास है कि उनसे मिलने के बाद सीएम रिलीफ फंड का पैकेज वे बढ़ा देंगे।

शेरगढ़ से कांग्रेस नेता उम्मेद सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री संवेदनशील हैं। इस मामले में कोई पार्टीबाजी नहीं हुई। भरोसा है कि मुख्यमंत्री सही फैसला लेंगे। घटना पर वे चिंतित हैं। पीड़ित परिवारों के लिए 36 कौम के नेताओं ने साथ दिया, रैली की, साथ खड़े हुए, इसके लिए सभी का आभार।

संभागीय आयुक्त बोले- नियमानुसार प्रस्ताव भेजा

संभागीय आयुक्त कैलाश चंद्र मीणा ने सहमति बनने के बाद पत्रकारों से कहा कि जोधपुर सिलेंडर ब्लास्ट कांड में अब तक 35 लोग मारे जा चुके हैं। सरकार से मृतकों के लिए 50 लाख व आश्रितों को सरकारी नौकरी, घायलों को 25 लाख व एक सदस्य को संविदा पर नौकरी की मांग की गई थी। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया गया था। यही मांग थी कि मुआवजा राशि बढ़ाई जाए। फिलहाल मुख्यमंत्री सहायता कोष से 2 लाख, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष से 2 लाख, गैस एजेंसी की ओर से 2 लाख, गैस एजेंसी बीमा के 6 लाख, सीएम चिरंजीवी योजना के 5 लाख रुपए के हिसाब से कुल 17 लाख रुपए प्रति मृतक आश्रित को दिए जाने का प्रस्ताव भेजा है। यह राशि नियमानुसार दी जाएगी। धरना समाप्त करने की घोषणा की गई है और परिजन अब शव उठाने के लिए तैयार हो गए हैं।

काली पट्‌टी बांधकर सड़कों पर उतरे थे लोग

इससे पहले जोधपुर सिलेंडर ब्लास्ट कांड के पीड़ितों को मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर मारवाड़ राजपूत सभा (सर्व समाज) के बैनर तले रविवार को बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। सिर पर, बाजुओं पर काली पट्‌टी बांधे, काले झंडे लहराते हुए ये लोग सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। रविवार सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे बड़ी संख्या में लोगों ने महात्मा गांधी हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी से कलेक्ट्रेट के लिए कूच किया। आक्रोश रैली शहर के विभिन्न क्षेत्रों से होती हुई दोपहर करीब तीन बजे कलेक्ट्रेट पहुंची। वहां परिसर में एंट्री से पहले ही पुलिस ने रोक दिया। इस दौरान पुलिस से गहमागहमी भी हुई। इसके बाद लोग कलेक्ट्रेट के गेट पर ही धरने पर बैठ गए। दो दौर की वार्ता के बाद देर रात 10 बजे सहमति बनी।

शाम करीब 4 बजे एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्ट्रेट के अंदर जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता को ज्ञापन देने गया। वहां मांगों पर सहमति नहीं बन पाई। गुस्साया प्रतिनिधिमंडल जिला कलेक्टर के चैंबर में ही धरने पर बैठ गया। करीब 2 घंटे तक कलेक्टर चैंबर में ही सभी डटे रहे। इसके बाद अपने आप वहां से उठकर बाहर आ गए। रैली सोजती गेट, नई सड़क होती हुई कलेक्ट्रेट परिसर पहुंची। पूरा परिसर छावनी में तब्दील था।