दोबारा लागू होगी OPS, जानें सरकार का प्लान

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ऐसे में क्या मोदी सरकार लोकसभा चुनाव को देखते हुए कर्मचारियों की मांग को ध्यान में रखते हुए पुरानी पेंशन को वापस ला सकती है? यह प्रश्न उठता है क्योंकि सैलरीड और पेंशनर्स एक व्यापक वोटर वर्ग हैं। चुनाव के दौरान सरकार इन्हें लुभाने की कोशिश करती रहती है। कर्मचारियों ने कई राज्यों में पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करने की मांग की है। कर्मचारी फिर से पुरानी पेंशन की मांग क्यों कर रहे हैं, सिवाय नवीन पेंशन स्कीम? क्या सरकार उनकी मांगों को पूरा करने का प्रयास करेगी? सरकारी कर्मियों को कौन-से लाभ मिलेंगे अगर देश भर में पुरानी पेंशन व्यवस्था फिर से लागू की जाएगी? हम इन सभी प्रश्नों के उत्तर देंगे।

क्या ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) है?
2004 से पहले, कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन पुरानी पेंशन योजना (OPS) के तहत मिलता था। यह कर्मचारी के रिटायरमेंट पर उनके वेतन पर आधारित था। इस स्कीम में रिटायर हुए कर्मचारी की मौत पर भी पेंशन मिलती थी। लेकिन 1 अप्रैल 2004 से पुरानी पेंशन योजना बंद हो गई। राष्ट्रीय पेंशन योजना इसका स्थान ले चुकी है। इसके बाद से इसे वापस लेने की व्यापक मांग हो रही है। वहीं, पुरानी पेंशन व्यवस्था को हटाने की लगातार मांग भी की जा रही है।

पुरानी पेंशन योजना के लाभ
इस कार्यक्रम के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय उनके वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है।
अगर एक कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद मर जाए तो उनके परिजनों को पुरानी पेंशन योजना से पेंशन मिलती है।
इस योजना में पेंशन देने के लिए कर्मचारियों का वेतन किसी भी तरह से नहीं कटेगा।
OPS में रिटायर होने पर कर्मचारियों को उनकी अंतिम बेसिक सैलरी की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है।
रिटायरमेंट के बाद मेडिकल बिलों की रिम्बर्समेंट भी इस स्कीम से मिलती है।
इस कार्यक्रम से रिटायर्ड कर्मचारी को 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी दी जाती है।
ओपीएस पुनर्गठन पर सरकार ने एक बार फिर अपनी नीति स्पष्ट की।