मध्य प्रदेश के इस जिले में कुत्तों की नसबंदी कराने के आदेश, जानिए क्यों देना पड़ा ऐसा आदेश?

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रतलाम। रतलाम में एक बार फिर आवारा कुत्तों का आतंक देखने को मिला है. यहां लगातार स्ट्रीट डॉग्स के मामले बढ़ते जा रहे है, अपनी ही गलियों से गुजरना लोगों के लिए मुहाल हो गया है. जिस कारण रोज शहर में बड़े व छोटे बच्चें जिला अस्पताल पहुंच रहे है. सड़कों पर आलम यह हो गया कि शायद ही कोई ऐसी गली हो जहां लोग स्ट्रीट डॉग्स से परेशान न हों. यहां ना सिर्फ़ दिन में बल्कि देर रात तक आवारा कुत्तों का झुण्ड सड़कों पर घूमता रहता है. इन झुंड में कुत्तों की संख्या भी 25 से 50 तक होती हैं. इन झुंड के चन्गुल में रात को अकेला यदि कोई फंस जाये तो उसका बच के निकल पाना मुश्किल हो जाता हैं.

ऐसे में अब आलम यह हो गया है कि आए दिन कभी बच्चे तो कभी बड़े कुत्तों के काटने का शिकार होते जा रहे हैं. बीते कुछ दिन पहले ही एक मासूम बच्ची पर आवारा कुत्तों के झुंड ने जानलेवा हमला कर दिया. आठ वर्षीय मासूम बच्ची की कुत्ते के काटने के बाद इलाज के दौरान मौत भी हो गयी. वहीं सामने आई सीसीटीवी फुटेज कुत्तो के हमले के भयावह दृश्य देखें गए .

स्ट्रीट डॉग्स के आतंक से छुटकारा पाने के लिए और इन डॉग बाइट के बढते मामलों को देखते हुए कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम ने अब शहर में घूमते आवारा कुत्तों की नसबंदी (Sterilization)कराने का फैसला किया है. इसके लिए एक एजेंसी को यह काम सौंपा गया है.

इसके अलावा कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम ने अब शहर में कुत्ता पालने वालों के लिए भी लाइसेंस अनिवार्य कर दिया है. इसके लाइसेंस का शुल्क 1000 रुपये प्रतिवर्ष के लिए तय किया गया है. वहीं 1 व्यक्ति सिर्फ 2 डॉग ही पाल सकता हैं. इसके कारण शहर में पालतू कुत्तों की संख्या की जानकारी भी रहेगी और सड़क के कुत्तों की नसबंदी का कार्य शुरू करवा दिया है.

आपको बता दें कि इस कार्य के लिए शहर के ट्रेचिंग ग्राऊंड के पास एक छोटा हॉस्पिटल भी तैयार किया गया है. जहां कुत्तों की नसबंदी की जाएगी, और 2 से 3 दिन इन कुत्तों को ऑब्जरवेशन में यहां रखने के लिए व्यवस्था भी की गई है. कुत्तों के इस हॉस्पिटल में न सिर्फ ओटी बल्कि वार्ड भी बनाया गया हैं.