मध्य प्रदेश के इस हिन्दू गांव में लगे ‘मकान बिकाऊ है’ के पोस्टर, मचा हड़कंप

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रतलाम। मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में हड़कंप मचा हुआ है. यहां के सुराना गांव में ग्रामीणों ने दो दिन पहले पलायन की चेतावनी दी. ये खबर सुनते ही प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए. कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और एसपी गौरव तिवारी तुरंत गांव पहुंचे और वहीं चौपाल लगाकर लोगों की समस्या सुनीं. उन्होंने सख्त और साफ लहजे में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. मामले को लेकर गृहमंत्री नरोत्‍तम मिश्रा ने ट्वीट किया- रतलाम के सुराना को मध्य प्रदेश का ‘कैराना’ बनाने की साजिश सफल नहीं होने दी जाएगी.

दरअसल, सुराना गांव में असामाजिक तत्वों ने जमकर उत्पात मचा रखा है. उनकी मनमानी से गांव के लोग जबरदस्त परेशान हैं. इस वजह से लोग गांव से पलायन करने जा रहे थे. लोगों ने अपने घरों के बाहर “यह मकान बिकाऊ है” के इश्तेहार भी लगा दिए. गांव के दूसरे लोगों को ये खबर लगते ही सनसनी फैल गई. जानकारी के मुताबिक, ग्रामीणों ने मंगलवार शाम कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था. ज्ञापन में कहा गया था कि अगर असामाजिक तत्वों की हरकतों से प्रशासन सुरक्षा नहीं करेगा तो गांव के लोग पलायन करेंगे. इसके बाद उसी दिन शाम को लोगों के घरों के बाहर घर बिकाऊ होने के विज्ञापन लग गए. इस बात ने मामले को और तूल दे दिया.

कलेक्टर ने दिया ये आश्वासन
मामले की गंभीरता को देखकर एसपी और कलेक्टर तुरंत सुराना गांव पहुंचे और ग्रामीणों से बात की. पूरा मामला समझने के बाद उन्होंने गांव के लोगों की एक कमेटी बना दी. ये कमेटी गांववालों के इसी तरह के मामले सुनेगी. इसमें एसडीओपी और एसडीएम मौजूद रहेंगे. साथ ही गांव में एक अस्थायी पुलिस चौकी भी खोली जा रही है. कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने सभी को आश्वस्त किया कि कोई भी गांव छोड़कर नहीं जाएगा. असामाजिक तत्वों की पहचान कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

गृहमंत्री ने दिया ये बयान
इधर, मामले को लेकर गृहमंत्री नरोत्‍तम मिश्रा ने ट्वीट किया- ‘रतलाम के सुराना को मध्य प्रदेश का ‘कैराना’ बनाने की साजिश सफल नहीं होने दी जाएगी. विवाद की वजह अवैध अतिक्रमण और अन्य स्थानीय छोटे मसले हैं, जिनका शीघ्र निराकरण कर लिया जाएगा. विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए एक समिति का गठन कर दिया गया है. सुराना मामले पर बनी समिति में SDM और SDOP के साथ ही दोनों पक्षों के दो-दो प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है. साथ ही गांव में एक अस्थाई पुलिस चौकी बना दी गई है और स्थानीय प्रशासन को असामाजिक तत्वों के खिलाफ जिलाबदर और रासुका के तहत कार्रवाई के आदेश दे दिए गए हैं.’