उत्तराखंड के चमोली प्लांट में मौत का तांडव! जांच रिपोर्ट में खुलासा, कैसे हुई इतने लोगों की मौत?

Orgy of death in Chamoli plant of Uttarakhand! Revealed in the investigation report, how did so many people die?
Orgy of death in Chamoli plant of Uttarakhand! Revealed in the investigation report, how did so many people die?
इस खबर को शेयर करें

चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में निर्माणाधीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में बीते बुधवार को हुए भीषण हादसे की जांच रिपोर्ट सामने आई है। यहां चल रही जांच के शुरुआती पहलू में बताया गया कि 18 जुलाई की रात को जब प्लांट ऑपरेटर गणेश बिजली सप्लाई का मेन स्विच बंद कर रहे थे, उस समय उसमें फॉल्ट हो गया था। इस दौरान लाइन का तीसरा फेस मेन स्विच के बॉक्स से टच हो गया। इस दौरान गणेश भी उसकी चपेट में आ गए थे। जोरदार करंट का झटका लगने से उनकी मौत हो गई।

19 जुलाई की सुबह मौके पर लोग इकट्ठा हो गए। पुलिस शव के पंचनामें की कार्रवाई करने के लिए पहुंची, वहां इकट्ठी हुई भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अलग से पुलिसकर्मी बुलाए गए थे। गणेश के शव को प्लांट के बाहर रखा गया था, प्लांट के ऊपर चढ़ने वाली लोहे की सीढ़ियां लोगों से भरी हुई थी। पुलिसकर्मियों और गणेश की मौत से नाराज लोगों की भीड़ के बीच जोरदार बहस चल रही थी। इस दौरान यूपीसीएल का लाइनमैन तीसरा पेज न आने की जांच करता हुआ घटनास्थल तक पहुंच गया। लाइनमैन के जांच करने पर पता चला कि मीटर में केवल 2 फेस आ रहे हैं। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने लाइनमैन से पूछा कि चेक करके बताइए कि करंट दोबारा प्लांट में किसी को नुकसान तो नहीं पहुंचाएगा। मौके पर जल संस्थान का सुपरवाइजर भी मौजूद थे। दोनों ने देखा कि स्विच

लाइन चालू करते ही झुलस गए लोग
दरअसल मेन स्विच से जो तार ट्रांसफार्मर के अंदर आ रही हैं, उनमें से तीसरे फेज की तार फॉल्ट की वजह से मेन स्विच के बॉक्स से टच हो रही थी। इस पर किसी का ध्यान नहीं गया। पूरी तरह से निश्चिंत होने के बाद लाइन मैन ने बाहर आकर उड़ा हुआ जंपर ठीक किया। लाइनमैन ने 11 केवी लाइन का शटडाउन लेकर जंपर जोड़ दिया। लगभग 11:30 बजे जैसे ही लाइन मैन ने लाइन चालू की प्लांट का मेन स्विच बंद होते हुए भी तीसरे फेज का करंट स्विच के बॉक्स से होता हुआ आगे बढ़ा। अर्थिंग इतनी खतरनाक हुई कि पहले से आंशिक रूप से जला हुआ मेन स्विच बॉक्स तेज धमाके के साथ फटा।

धू-धू कर जलने लगे लोगों के शरीर
कंट्रोल पैनल में करंट पहुंचते ही अर्थिंग इतनी जबरदस्त हुई कि वहां मौजूद लोगों के शरीर जलने लगे। लोहे की सीढ़ियां टीन शेड से वेल्ड होने के कारण यहां मौजूद लोग भी झुलस गए। इसके बाद करंट रेलिंग तक पहुंचा, यहां जमा भारी भीड़ के साथ मौजूद पुलिसकर्मी भी चपेट में आ गए। गौरतलब है कि प्लांट के अंदर जो सुपरवाइजर और पंचनामा भरने वाले पुलिसकर्मी थे, वह सुरक्षित बच गए।

प्लांट के खराब जनरेटर की वजह से आया करंट
हादसे के बाद से चल रही तकनीकी जांच रिपोर्ट में सामने आया कि अगर प्लांट का जनरेटर सही होता तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता। दरअसल प्लांट का जनरेटर खराब होने के कारण उसे बाईपास किया गया था। सीधे बिजली लाइन के पॉइंट से जुड़े हुए जनरेटर की वजह से यह हादसा हुआ है। अगर जनरेटर और मेन लाइन के बीच में एएमएस (ऑटोमेटिक मेंस फैलियर) लगा हुआ होता तो पैनल के अंदर शॉर्ट सर्किट होते ही लाइन ट्रिप हो जाती है। ये दर्दनाक हादसा नहीं होता।