प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल जनवरी में राजस्थान के भीलवाड़ा में प्रसिद्ध गुर्जर समाज के आराध्य स्थल मालासेरी डूंगरी में दर्शन करने गए थे.मंदिर के पुजारी ने दावा किया था, पीएम मोदी ने मंदिर की पेटी में लिफाफा डाला था और उसमें 21 रुपए की दान राशि निकली है, जिसमें एक 20 रुपए का नोट और एक सिक्का है. अब उसी पुजारी का दावा झूठा निकला है. दरअसल, एक वीडियो सामने आया है जिसमें पीएम मोदी मंदिर की दान पेटी में लिफाफा नहीं नकद डालते दिख रहे हैं.
जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी साल जनवरी में जिले के असींद तहसील में स्थित मालासेरी डूंगरी गए थे. यहां उन्होंने पूजा पाठ किया था. मंदिर के नियमानुसार दानपात्र को साल में सिर्फ एक ही बार खोला जाता है. इसलिए हाल ही में इस दानपात्र को खोला गया है.
मंदिर के पुजारी ने दावा किया था कि पीएम मोदी का लिफाफा सफेद रंग का था. पुजारी ने दानपात्र से निकालकर इस लिफाफे को सभी के सामने खोला. इसकी वीडियो भी रिकॉर्ड की गई है. सभी को बहुत उत्सुकता थी कि आखिरी पीएम मोदी के लिफाफे में क्या निकलता है.
पुजारी ने सभी के सामने इस लिफाफे को उठाया और दिखाया. इसके बाद उन्होंने इस सफेद रंग के लिफाफे को खोला. लिफाफे के अंदर की राशि देखकर सभी हैरान रह गए. पुजारी हेमराज पोसवाल ने बताया है कि वीडियो में पीएम मोदी को सफेद रंग का लिफाफा डालते हुए देखा गया था इसी से अंदाजा लगाया गया है कि यही लिफाफा पीएम मोदी ने डाला था. उन्होंने यह भी बताया कि जो तीन लिफाफे दानपात्र से मिले हैं उनमें से एक में 101 रुपये, एक में 2100 रुपये और सफेद लिफाफे में 21 रुपये निकले हैं.
भगवान देवनारायण की जन्मस्थली
मालासेरी डूंगरी गुर्जर समाज के आराध्य भगवान देवनारायण की जन्मभूमि मानी जाती है. बताया जाता है कि भगवान देवनारायण की मां ने 1111 साल पहले इसी जगह पर तपस्या की थी. जिसके बाद भगवान विष्णु स्वयं देवनारायण के रुप में यहां पर प्रकट हुए थे. यह वजह है कि पूरे गुर्जर समाज की इस मंदिर में विशेष आस्था है.