छत्तीसगढ़ में चुनावी मोड में राजनीतिक दल, सर्वे से खोज रहे मुद्दे और उम्मीदवार

Political parties in election mode in Chhattisgarh, survey issues and candidates
Political parties in election mode in Chhattisgarh, survey issues and candidates
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रायपुर: छत्‍तीसगढ़ में आठ महीने के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने मुद्दे और उम्मीदवारों की तलाश शुरू कर दी है। कांग्रेस के द्वारा जहां संगठन और सरकार अपने विधायकों के परफार्मेंस का सर्वे करा रही है, तो वहीं भाजपा, विधानसभा स्तर पर मुद्दों की तलाश कर रही है। इस काम के लिए गुजरात की एक सर्वे कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है। सर्वे में केंद्र सरकार की योजनाओं की जमीनी हकीकत के साथ-साथ पिछले चुनाव के उम्मीदवार की सक्रियता, नए उम्मीदवार कौन-कौन हो सकते हैं, जैसे सवाल पूछे जा रहे हैं। भाजपा का सर्वे समाज के प्रभावी वर्ग से लेकर आम आदमी तक के बीच किया जा रहा है।

भाजपा के उच्च पदस्‍थ सूत्रों की मानें तो यह सर्वे केंद्रीय संगठन की ओर से कराया जा रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी का हार का सामना करना पड़ा था। सर्वे में उस विधानसभा को विशेष फोकस किया जा रहा है, जहां पार्टी उम्मीदवार को कम अंतरों से हार का सामना करना पड़ा था। बस्तर और सरगुजा में पार्टी की एक भी सीट नहीं है। ऐसे में उन विधानसभा क्षेत्रों में पिछले चुनाव में पार्टी ने जिन नेताओें को उम्मीदवार बनाया था, उनकी पिछले चार साल में सक्रियता की पड़ताल की जा रही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव की माने तो पार्टी जीतने वाले नेताओं को चुनाव में मौका देगी। इसके लिए कई स्तर पर सर्वे किया जा रहा है।

गौरतलब है कि प्रदेश में भाजपा के 14 विधायक हैं। पार्टी के आंतरिक सर्वे में यह संकेत मिला है कि वर्तमान परिस्थितियों में पार्टी 35 विधानसभा सीट पर मजबूत स्थिति में है। जनता के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता है।

कांग्रेस के 22 विधायक डेंजर जोन में
कांग्रेस विधायकों के परफार्र्मेंस को लेकर सरकार और संगठन ने सर्वे कराया है। सूत्रों की मानें तो 22 विधायक ऐसे हैं, जिनका परफार्र्मेंस डेंजर जोन में है। उन विधायकोें को तीन महीना पहले परफार्र्मेंस सुधारने का निर्देश दिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कहा था कि अगर विधायकों के परफार्र्मेंस में सुधार नहीं होता है, तो उनकेटिकट पर संगठन विचार करेगा। वर्तमान मेें विधानसभा की 90 मेें से 71 सीट पर कांग्रेस के विधायक हैैं।

भाजपा सरकार के आठ मंत्री सहित 22 विधायक हारे
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार के आठ मंत्रियों सहित 22 विधायकों को हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी ने अपने सर्वे में आठ पूर्व मंत्रियोें राजेश मूणत, अमर अग्रवाल, लता उसेंडी, केदार कश्यप, रामसेवक पैकरा, भैयालाल राजवाड़े, प्रेमप्रकाश पांडेय और दयालदास बघेल की सीट पर विशेष फोकस किया है। दरअसल यहां पार्टी दूसरी पंक्ति के नेताओें के लिए संभावनाएं तलाश रही है। 15 साल सरकार रहने के कारण इन सीटों पर नए नेताओं का प्रभाव नहीं जम पाया है।