उत्तराखंड में सियासी संग्राम का आगाज, अब इस खास फॉर्मलू से कांग्रेस को जवाब देगी बीजेपी

इस खबर को शेयर करें

देहरादून। उत्तराखंड में मार्च से पहले विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। इसे देखते हुए राजनीतिक दलों ने डोर टू डोर कैंपेन शुरू कर दिया है। भाजपा, कांग्रेस ने अपने-अपने तरीके से जनता से मिलकर अपनी नीतियों के बारे में बताना शुरू कर दिया है। भाजपा जहां अपने सीनियर नेताओं के दौरे और रैली प्रस्तावित कर चुकी है। व​हीं बुधवार से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने उत्तराखंड में पार्टी के महासंपर्क अभियान का आगाज कर दिया। मदन कौशिक ने पूरे प्रदेश में एक साथ चलाए जाने वाले महासंपर्क अभियान की जानकारी दी। मदन कौशिक ने कहा कि इस अभियान में एक लाख से ज्यादा कार्यकर्ता जुड़ेंगे। इस अभियान में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर प्रदेश अध्यक्ष समेत सभी दिग्गज नेता व कार्यकर्ता तक घर-घर जाकर भाजपा का प्रचार करेंगे। इस अभियान के तहत लोगों से संपर्क साधा जाएगा।

यह अभियान 20 नवंबर तक चलेगा। इसके साथ ही महासंपर्क अभियान एक साथ बुधवार से पूरे प्रदेश के जिलों से शुरू कर दिया गया है। कांग्रेस निकाल रही पद यात्रा भाजपा के घर-घर अभियान से पहले कांग्रेस गांव-गांव पद यात्रा का कार्यक्रम चला रही है। कांग्रेस ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मंगलवार को प्रदेशभर में पदयात्राएं आयोजित कर राज्य स्थापना दिवस मनाया। कांग्रेसियों ने जिला मुख्यालयों पर राज्य निर्माण के शहीदों कोे श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए 21 वर्षों में उत्तराखंड ने क्या खोया, क्या पाया विषय पर गोष्ठियों का भी आयोजन किया गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने शहीद स्थल पहुंचकर राज्य निर्माण के शहीदों को नमन करते हुए उनके बलिदान को याद किया। गोदियाल ने कहा कि राज्य निर्माण में उत्तराखंड के सभी वर्गों के लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उनके योगदान को भी नहीं भुलाया जा सकता है। 21 वर्षों में उत्तराखंड ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं। आज भी उत्तराखंड के सामने अनेक चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि प्रथम निर्वाचित सरकार ने मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के नेतृत्व में राज्य में विभागों का ढांचा तैयार कर विकास की बुनियाद डाली। नौ करोड़ की वार्षिक योजना का आकार बढ़ाकर पांच हजार करोड़ तक पहुंचाया। राज्य में औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित कर राज्य के बेरोजगार नवयुवकों के लिए रोजगार सृजन करने का काम किया। परियोजनाओं का काम पूरा कर राज्य को विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का काम किया। उस दौरान राज्य की शिक्षा व्यवस्था में अमूल चूल परिवर्तन हुए। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड के सामने सबसे बड़ी चुनौती राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन की है, जिसे रोकने के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए। पूर्व सीएम हरीश रावत ने मंगलवार को कालाढूंगी के पास में कॉर्बेट गांव में कांग्रेसी कार्यकर्ता के घर में मैंने रात्रि विश्राम किया। इस दौरान कांग्रेसियों ने चौपाल लगाई और कीर्तन-भजन का कार्यक्रम भी किया।