पुतिन ने खेल बड़ा कूटनीतिक दांव, 1 फरवरी से मचेगा ऐसा हाहाकार कि टूट सकता है यूरोपियन यूनियन

Putin plays a big diplomatic bet, from February 1 there will be such an outcry that the European Union may break
Putin plays a big diplomatic bet, from February 1 there will be such an outcry that the European Union may break
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मॉस्‍को: रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि चाहे जो हो जाए, वह यूरोप के सामने हरगिज नहीं झुकेंगे। रूसी राष्‍ट्रपति का यह नया फैसला यूरोपियन यूनियन (EU) के लिए बड़ा झटका है। एक फरवरी 2023 से पुतिन उन यूरोपियन देशों को तेल का निर्यात नहीं करेंगे तो तेल और तेल उत्‍पादों की कीमतों को तय करने की जिद कर रहे हैं। पुतिन ने कहा है कि पांच महीने तक यह निर्यात प्रतिबंधित रहेगा। मंगलवार को पुतिन की तरफ से ईयू के लिए आया यह सबसे बड़ा जवाब यूरोपियन देशों की कमर तोड़ने के लिए काफी है। पहले से ही सर्दी की मार झेलता यूरोप ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। अब इस नए ऐलान से उसका सिरदर्द बढ़ सकता है।

किस फैसले का खामियाजा
ईयू के सात बड़े देशों और ऑस्‍ट्रेलिया ने इसी महीने फैसला किया था कि रूस से आने वाला तेल 60 डॉलर प्रति बैरल की कीमत पर खरीदा जाएगा। पांच दिसंबर से रूसी कच्‍चे तेल पर यह प्रतिबंध लागू हो गया है। यूक्रेन में जारी जंग को देखते हुए ही यह फैसला किया गया है। 27 दिसंबर को रूस की तरफ से इस पर आधिकारिक तौर पर प्रतिक्रिया दी गई है। रूस ने कहा है कि एक फरवरी 2023 से तेल निर्यात पर बैन शुरू होगा और पांच महीने तक यह लागू रहेगा।

स्पेशल केस में छूट
रूस का कहना है कि एक फरवरी से कच्‍चे तेल के निर्यात पर प्रतिबंध रहेगा। मगर रूसी उत्‍पादों पर बैन की तारीख का फैसला सरकार की तरफ से लिया जाएगा। हो सकता है कि एक फरवरी के बाद से यह बैन शुरू हो। हालांकि पुतिन ने कहा है कि स्‍पेशल केस में देशों को रूस की तरफ से छूट मिल सकती है। रूस के उप-प्रधानमंत्री एलेक्‍जेंडर नोवाक के मुताबिक यूरोप के लिए अब यह बिल्‍कुल असंभव है कि वह रूस से आने वाले कच्‍चे तेल का कोई विकल्‍प तलाशे। उन्‍होंने कहा कि ईयू की तरफ से रूसी ऑयल प्रॉडक्‍ट्स पर बैन लगाया जा रहा है जो कि पूरी तरह से गलत है।

ईयू से अलग राह चलेगा जर्मनी!
तास ने डिप्‍टी पीएम नोवाक के हवाले से लिखा है, ‘यूरोप हमारे तेल उत्‍पादों की बिक्री का बड़ा बाजार था। हम इंतजार कर रहे हैं और देखिए कि अब वो क्‍या फैसले करते हैं। अभी तक हमें तो नहीं लगता कि उन्‍हें रूस का कोई विकल्‍प मिल सकता है।’ जिस स्‍पेशल केस के तहत पुतिन यूरोप के देशों को छूट देगे उनमें पाइपलाइन से सप्‍लाई होने वाले तेल पर कोई प्रतिबंध नहीं है। उनकी मानें तो चेक रिपब्लिक, स्‍लोवाकिया और यहां तक जर्मनी और पोलैंड ने छूट लेने की मंशा जताई है। इन देशों ने पहले रूस से तेल लेने से इनकार कर दिया था। अब इन्‍हीं देशों ने साल 2023 में रूस से तेल पर मिलने वाली छूट के लिए अप्‍लाई कर दिया है।