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चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा में गरीब परिवार का कोई भी प्रतिभावान छात्र अपने सपनों को पूरा करने से वंचित न रहे, इसके लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने घोषणा की कि परिवार पहचान पत्र के अन्तर्गत जिन परिवारों की सत्यापित आय 1.80 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम है, ऐसे परिवारों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा आज पंचकूला में आयोजित सिविल सेवा परीक्षा-2020 और जेईई एडवांस परीक्षा- 2021 (सुपर 100 कार्यक्रम के तहत) के उत्तीर्ण छात्रों के राज्य स्तरीय सम्मान समारोह के दौरान उनके साथ बातचीत करते हुए की। शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल, विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता, सांसद श्री रतन लाल कटारिया भी इस मौके पर मौजूद रहे।
देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा 2020 पास करने वाले छात्रों को बधाई देते हुए श्री मनोहर लाल ने कहा कि आप में से प्रत्येक को यह याद रखना चाहिए कि आपने समाज की सेवा के लिए करियर विकल्प के रूप में सिविल सेवा को चुनने का फैसला किया है। आपकी सेवा अवधि के दौरान आपको विविध क्षेत्रों में काम करने के असंख्य अवसर मिलेंगे, इसलिए, मुझे उम्मीद है कि आप में से प्रत्येक अपने स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे और हरियाणा को गौरवान्वित महसूस करवाएंगे।
जेईई एडवांस 2021 को पास करने वाले गरीब पृष्ठभूमि के 29 छात्रों का मनोबल बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी एक उदाहरण हैं कि यदि किसी के पास प्रतिभा है, तो कोई भी आपको अपने सपनों को पूरा करने से नहीं रोक सकता, फिर चाहे कोई ग्रामीण आंचल से ही क्यों न हो। मुझे उम्मीद है कि आप जिस भी क्षेत्र को चुनेंगे उसमें आप सभी हरियाणा को गौरवान्वित करेंगे। उन्होंने कहा कि आपके सपनों के लिए सही शैक्षणिक माहौल देने के लिए आप सभी के माता-पिता ने भी कड़ी मेहनत की है, जो सराहनीय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में जब उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, तब राज्य का समग्र और समान विकास सुनिश्चित करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता थी। जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा कई नई अनूठी योजनाएँ बनाई गई जो मील का पत्थर साबित हुई।
‘थ्री आर’ की शिक्षा प्रणाली को बदलने के लिए नई शिक्षा नीति
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉर्ड मैकाले की शिक्षा प्रणाली ‘थ्री आर’ राईटिंग, रीडिंग और अर्थमेटिक पर केंद्रित थी, जो एक नागरिक के समग्र विकास को सुनिश्चित नहीं करती थी। इसलिए युवा पीढ़ी के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ उनमें राष्ट्रवाद की भावना पैदा करने के लिए नई शिक्षा नीति-2020 की शुरुआत की गई है।उन्होंने कहा कि हरियाणा में 2025 तक इस नीति के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है, जबकि देश में इस नीति को लागू करने का लक्ष्य 2030 तक है, लेकिन हरियाणा राष्ट्रीय लक्ष्य से 5 साल पहले ही इसे हासिल कर लेगा।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में इसी सत्र से लागू होगा केजी से पीजी प्रोग्राम
श्री मनोहर लाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 के तहत प्रदेश में ऐसे शिक्षण संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें केजी कक्षा से पीजी स्तर तक की शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि शुरुआत में हम चार विश्वविद्यालयों में केजी से पीजी तक की शिक्षा देने की व्यवस्था करने जा रहे हैं। जबकि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने इस शैक्षणिक सत्र 2021-22 से केजी से पीजी योजना के तहत दिए जाने वाले प्रवेश की तैयारी शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय था जब प्रदेश में पर्ची-खर्ची का बोलबाला था और इस व्यवस्था के कारण पढ़ाई को महत्व नहीं दिया जाता था। युवाओं ने योग्यता के आधार पर नौकरी पाने की उम्मीद खो दी थी। लेकिन उन्हें आशा की किरण देते हुए, हरियाणा में हमने मिशन मेरिट शुरू किया, जिसके तहत वर्तमान राज्य सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान लगभग 83000 सरकार नौकरियां केवल मैरिट पर दी गई। इससे न केवल युवाओं का मनोबल बढ़ा, बल्कि उन्हें कड़ी मेहनत करते रहने की प्रेरणा भी मिली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में सरकार के लगभग हर विंग में ह्यूमन इंटरफेस को बदलने के लिए डिजिटल सुधार लाए गए हैं। ऑनलाइन शिक्षक स्थानांतरण नीति इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। 90 प्रतिशत से अधिक शिक्षक इस प्रणाली से संतुष्ट हैं। इसी तरह, सिस्टम को पेपरलेस, फेसलेस और पारदर्शी बनाने के लिए विभिन्न ऑनलाइन सुधार लाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि पिछले सात वर्षों से हम क्त्रांतिकारी सुधार लाने के लिए विभिन्न कार्य कर रहे हैं। अंत्योदय की भावना से काम करते हुए सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाना सुनिश्चित कर रहे हैं। यह करते हुए कभी-कभी हमें यह भी महसूस होता था कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं या नहीं, लेकिन मैं संतुष्ट और अभिभूत हूँ कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हमारी कड़ी मेहनत को पहचाना है।
इस अवसर पर बोलते हुए शिक्षा मंत्री श्री कंवरपाल ने कहा कि हरियाणा को एक कृषि प्रधान राज्य के रूप में जाना जाता है, लेकिन जिस तरह से इन उच्च प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों की बढ़ती संख्या के साथ राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में खुद को आगे बढ़ाया है, यह स्पष्ट रूप से राज्य सरकार द्वारा इस क्षेत्र में किए गए शानदार कार्यों को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि ये छात्र जिस भी क्षेत्र में जाएंगे, हरियाणा को गौरवान्वित करेंगे। मैं उनके माता-पिता की भी सराहना करता हूं, जिन्होंने कुछ न कुछ बलिदान किया है ताकि इन बच्चोंa को अपने सपनों को प्राप्त करने के लिए सही शैक्षणिक वातावरण दिया जा सके।