अभी अभीः कटटर ईमानदार केजरीवाल पर टूटी मुसीबत, घोटाले में मनीष सिसोदिया को…

Right now: Broken trouble on the staunch honest Kejriwal, Manish Sisodia in the scam tomorrow.
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नई दिल्ली: दिल्ली शराब नीति मामले में राज्य के डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया से सीबीआई पूछताछ करेगी। सीबीआई ने कल 11 बजे से सिसोदिया से पूछताछ करेगी। इससे पहले सिसोदिया के घर पर सीबीआई ने छापा भी मारा था। सिसोदिया ने ट्वीट कर सीबीआई के समन की पुष्टि की है। उन्होंने दावा किया कि इस पूछताछ में भी सीबीआई को कुछ नहीं मिलेगा।

सिसोदिया का ट्वीट, लिखा- सत्यमेव जयते
सीबीआई का समन मिलने के बाद सिसोदिया ने ट्वीट कर लिखा, ‘मेरे घर पर 14 घंटे CBI रेड कराई, कुछ नहीं निकला. मेरा बैंक लॉकर तलाशा, उसमें कुछ नहीं निकला। मेरे गांव में इन्हें कुछ नहीं मिला। अब इन्होंने कल 11 बजे मुझे CBI मुख्यालय बुलाया है। मैं जाऊंगा और पूरा सहयोग करूंगा। सत्यमेव जयते।’

अगस्त में सिसोदिया के घर हुई थी छापेमारी
गौरतलब है कि सीबीआई ने अगस्त में सिसोदिया के घर छापा मारा था। सिसोदिया ने उस दौरान लिखा था कि हम सीबीआई का स्वागत करते हैं। जांच में पूरा सहयोग देंगे ताकि सच जल्द सामने आ सके। सिसोदिया ने आरोप लगाया कि ये लोग दिल्ली की शिक्षा और स्वास्थ्य के शानदार काम से परेशान हैं। इसीलिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री को पकड़ा है ताकि शिक्षा स्वास्थ्य के अच्छे काम रोके जा सकें। सिसोदिया ने आगे लिखा था कि अभी तक मुझ पर कई केस किए लेकिन कुछ नहीं निकला। इसमें भी कुछ नहीं निकलेगा। देश में अच्छी शिक्षा के लिए मेरा काम रोका नहीं जा सकता।

गौरतलब है कि दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने राजधानी की नई आबकारी नीति में कथित गड़बड़ियों के आरोपों को लेकर जुलाई महीने में डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। उपराज्यपाल ने चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को निर्देश दिया था कि वह एक रिपोर्ट जमा करके यह बताएं कि नियमों की अवेहलना करते हुए नई आबकारी नीति को तैयार करने, उसे लागू करने और उसमें मनमर्जी के मुताबिक बदलाव करने की छूट देने में किन-किन सरकारी अफसरों और प्रशासकों की मुख्य भूमिका रही है।

मनीष सिसोदिया के खिलाफ क्या है पूरा मामला?
दिल्ली सरकार ने पिछले साल ही अपनी नई एक्साइज पॉलिसी लागू की थी। उपराज्यपाल ने जिस रिपोर्ट को आधार बनाया है, उसमें कहा गया है कि दिल्ली एक्साइज एक्ट और दिल्ली एक्साइज रूल्स का उल्लंघन किया गया। इसके अलावा शराब विक्रेताओं की लाइसेंस फीस भी माफ की गई। इससे सरकार को 144 करोड़ रुपये के रेवेन्यू का नुकसान हुआ। रिपोर्ट में आबकारी मंत्री की जिम्मेदारी भी निभा रहे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने वैधानिक प्रावधानों और आबकारी नीति का उल्लंघन किया। इन सभी गड़बड़ियों को देखते हुए ही सीबीआई जांच की सिफारिश करने का फैसला लिया गया। हालांकि, राज्य सरकार ने नई आबकारी नीति को रद्द कर दिया था और अब पुरानी नीति के तहत ही दिल्ली में शराब की दुकानें खुल गई हैं।

आबकारी नीति में घोटाला किस आधार पर कहा जा रहा है?
इस साल 8 जुलाई को दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक रिपोर्ट भेजी थी। चीफ सेक्रेटरी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि पहली नजर में यह जाहिर होता है कि नई एक्साइज पॉलिसी को लागू करने में जीएनसीटी एक्ट-1991, ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स 1993, दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 का उल्लंघन किया गया है।

क्या चीफ सेक्रेटरी एलजी को इस तरह की रिपोर्ट भेज सकता है?
एलजी ऑफिस की तरफ से यह साफ किया गया था कि ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स 1993 के रूल नंबर 57 के तहत चीफ सेक्रेटरी ने यह रिपोर्ट एलजी को भेजी थी। यह रूल कहता है कि पूर्व निर्धारित प्रक्रियाओं के पालन में कोई भी कमी पाए जाने पर चीफ सेक्रेटरी तुरंत उस पर संज्ञान लेकर उसकी जानकारी एलजी और सीएम को दे सकते हैं। यह रिपोर्ट भी इन दोनों को भेजी गई थी।