मुजफ्फरनगर। योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति की जनपद मुजफफरनगर के नलकूप खंड विभाग ने पोल कर कर रख दी, जिसमे जिले में 83 लाख रुपये के घोटाले के बाद अब 7 लाख रुपये का एक और घोटाला सामने आया है। वहीं पुलिस ने आरोपी दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर घोटाला प्रकरण में जेल भेज दिया।
दरसल पूरा मामला जनपद मुजफफरनगर के नलकूप विभाग से जुड़ा है जहा एक से एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश होने पर हड़कंप मचा हुआ है, कुछ दिन पहले 83 लाख रुपये के घोटाले का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब 7 लाख रुपये का फर्जी सैलरी घोटाला सामने आया है। जैसे जैसे पुलिस जांच आगे बढ़ रही है सरकारी धन की बंदरबाट करने वाले इस विभाग के कर्मचारियों से लेकर उंच अधिकारियों के पसीने छूट रहे है।
आपको बता दें जनवरी दस्तावेजों की जांच के दौरान उच्च अधिकारियों को बैंक खातों में कुछ गड़बड़ी लगी जिसके बाद उसकी जांच बारीकी से हुई तो बड़ा घोटाला सामने आया। जिसमें अनिल कुमार ने बताया कि गंभीरता से जांच कराई गई तो पाया कि लगभग 83.20 लाख रु का घोटाला किया गया है, जिसमे विशाल जो की मुंशी बीजक सहायक है उसके द्वारा चतुर्थ श्रेणी के कुछ कर्मचारियों के फर्जी दस्तावेज तैयार एक बड़े GPF घोटाले को अंजाम दिया है, जिसने जीपीएफ बिल तैयार करके 83 लाख 20 हजार का भुगतान अपने कुछ रिस्तेदारो जिसमे इसकी मा बीरमती के खाते में 12.50 लाख व इसके फूफा संजीव कुमार के खाते में 14.50 लाख ट्रांसफर पाए गए है, बाकी 54 लाख रु चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के खाते में ट्रांसफर किया गया है। जिसमे सुरभि देवी जो की चपरासी के पद पर है 7 लाख रु, प्रदीप कुमार जो की क्लीनर है के खाते में 8 लाख 50 हजार रु व अनिरुद्ध जो की रनर की पोस्ट पर है 11 लाख 50 हजार रु ट्रांसफर किए गए है। इस पूरे प्रकरण में पाया गया कि विशाल व उसका एक साथी जिसका नाम अंकुल है इस घोटाले का मास्टरमाइंड है। दोनो के खिलाफ गंभीर धाराओं 420, 467, 468, 471, 409, 436 IPC के तहत FIR दर्ज कराई गई है। 12 मई 2022 को दोनो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। उनके खिलाफ चार्जशीट तैयार की जा रही है साथ ही कार्यवाही करते हुए प्रकरण में अभी तक 29 लाख 20 हजार की रकम की रिकवरी कर ली गई है, बाकी की रकम की रिकवरी के लिए संबंधित विभागों को लिखा गया है। अनिल कुमार ने बताया कि टोटल रकम को विशाल ने अलग अलग अपने रिस्तेदारो के खाते में ट्रांसफर कराया था, सभी को नोटिस दिया गया है, जल्द से जल्द रिकवरी का प्रयास किया जा रहा है, नोटिस पर यदि रिकवरी नहीं होती है तो कुर्की व संपत्ति जप्त करने की कार्यवाही करके सरकारी धन की वसूली की जाएगी और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।