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हल्द्वानी। उत्तराखंड के हल्द्वानी में अवैध मदरसा और धार्मिक स्थल को हटाए जाने को लेकर जो हिंसा हुई उसको लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. देवभूमि को पहले ही झुलसाने की तैयारी कर ली गई थी और इसकी इंटेलिजेंस रिपोर्ट भी स्थानीय प्रशासन को दी गई थी.
बनभूलपूरा हिंसा से एक हफ्ते पहले इंटेलिजेंस ने प्रशासन को अलर्ट रिपोर्ट दिया था जिसमें कहा गया था कि मस्जिद और मदरसे को हटाने की कार्रवाई को लेकर अब्दुल मालिक के साथ मुस्लिम संगठन और कट्टरपंथी लोग विरोध कर सकते हैं. इंटेलिजेंस ने प्रशासन को अब्दुल मलिक द्वारा बनभूलपुरा विवादित स्थल पर विरोध प्रदर्शन के बारे में सूचित किया था. मलिक बागीचा के स्वामित्व का दावा करता है और इसी इलाके में अवैध निर्माण को हटाया जाना था.
इस रिपोर्ट में हिंसा में प्री प्लानिंग से महिलाओं और बच्चों के हिस्सा लेने की आशंका जताई थी. रिपोर्ट में मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा भारी संख्या में विरोध के बाद हिन्दू संगठनों द्वारा रिएक्शन की भी संभावना जताई गई थी.
गुस्से में आए CM धामी, बोले- उपद्रवियों से करेंगे नुकसान की भरपाई
इस रिपोर्ट में जमीयत ए उलेमा हिन्द और अब्दुल मलिक की कुमाऊं कमिश्नर से बातचीत का भी जिक्र किया गया है. अब्दुल मलिक ने वार्ता में 1 फरवरी को प्रस्तावित अतिक्रमण की करवाई पर रोक लगाने के लिए कहा था.
इंटेलिजेंस रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि मदरसा और मस्जिद के खिलाफ तोड़फोड़ के परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर प्रतिक्रिया हो सकती है. कार्रवाई के दौरान विरोध को लेकर फोटोग्राफी, पीएसी की तैनाती, अतिक्रमण को तड़के सुबह हटाए जाने जैसे तरीकों को अपनाने की भी सलाह दी गई थी.
100 से ज्यादा पुलिसकर्मी हुए घायल
बता दें कि गुरुवार को मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र बनभूलपुरा में नगर निगम और पुलिस प्रशासन की टीम जब अवैध मदरसा और धार्मिक स्थल को तोड़ने पहुंची थी तो उन्हें गुस्साई भीड़ का सामना करना पड़ा था. उपद्रवियों ने पुलिसकर्मी और नगर निगम के कर्मचारियों पर जमकर पथरवा किया और आगजनी शुरू कर दी थी.
इस हिंसा में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों के घायल होने के बाद सीएम धामी ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे. गुरुवार की शाम करीब साढ़े चार बजे शुरू हुई ये हिंसा पूरे इलाके में फैल गई. गुस्साए लोगों ने थाने के बाहर खड़े पुलिस और मीडिया कर्मियों के दर्जनों वाहनों को आग के हवाले कर दिया था.