उत्तराखंड में सामने आया चौंकाने वाला मामला, एक साल में बांग्लादेशी महिला बनी ऋषिकेश की वोटर

Shocking case surfaced in Uttarakhand, in a year Bangladeshi woman became a voter of Rishikesh
Shocking case surfaced in Uttarakhand, in a year Bangladeshi woman became a voter of Rishikesh
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ऋषिकेश : Rishikesh News : ऋषिकेश में बांग्‍लादेशी महिला एक साल में ही ऋषिकेश की वोटर बन गई। ऋषिकेश की आवास विकास कालोनी क्षेत्र में 15 वर्षों से रह रही बांग्लादेशी महिला की गिरफ्तारी ने सबको चौंका दिया है। वहीं सिस्टम पर कई सवाल हो गए हैं। जांच में पता चला है कि यह महिला भारतीय नागरिक नहीं है तो मतदाता पहचान पत्र कैसे बना दिया गया।

बांग्लादेशी पासपोर्ट होने के बावजूद भारतीय पासपोर्ट भी बनवा लिया
खुफिया विभाग की जांच के बाद पुलिस ने बुधवार को ऋषिकेश में वर्ष 2007 से रह रही बांग्लादेशी महिला सोनिया चौधरी पत्नी बावला चौधरी को गिरफ्तार कर लिया था।
बांग्लादेशी पासपोर्ट होने के बावजूद उसने अपना भारतीय पासपोर्ट भी बनवा लिया था।
बांग्लादेशी पासपोर्ट के मुताबिक भारत में रहने का उसका समय समाप्त हो गया था।
भारतीय दूतावास की ओर से इस मामले पर संज्ञान लिया गया। जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से राज्य सरकार को जानकारी दी गई थी।

एलआइयू और पुलिस की जांच में सामने आया कि उक्‍त महिला के पास ऋषिकेश का मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड और भारतीय पासपोर्ट है।
मामले की गहनता से जांच की जा रही है। यह महिला भारतीय नागरिक नहीं है। बावजूद इसके भारतीय पासपोर्ट बन गया, इस पर अलग से जांच की जा रही है।
उक्‍त महिला ने यहां घर भी खरीद लिया था और रजिस्‍ट्री भी करवा ली थी।
अब सवाल यह उठ रहा है कि महिला का मतदाता सूची में नाम शामिल करने के साथ-साथ उसे मतदाता पहचान पत्र कैसे जारी हो गया। मामले में अब प्रशासन बचाव की मुद्रा में है।

उप जिलाधिकारी ऋषिकेश शैलेंद्र सिंह नेगी के मुताबिक इस महिला को ऋषिकेश तहसील से स्थायी निवास प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया था।

बांग्लादेशी महिला की मकान संबंधी रजिस्ट्री को लेकर उप जिलाधिकारी का कहना है कि सब रजिस्ट्रार अलग विभाग है, इस बारे में वहां के अधिकारी ही बता पाएंगे।

2007 में ऋषिकेश आ गई थी यह महिला
यह महिला 2007 में ऋषिकेश आ गई थी। निर्वाचन कार्यालय की ओर से मतदाता फोटो पहचान पत्र उसे पहली बार 11 फरवरी 2007 को जारी किया गया था। जिसमें उसका वर्तमान पता 237-238 आवास विकास कालोनी तहसील ऋषिकेश जिला देहरादून दर्ज किया गया।

भारत आते ही कैसे बन गया मतदाता पहचान पत्र
बांग्लादेशी महिला 2007 में भारत आई थी और इसी वर्ष इसका मतदाता पहचान पत्र भी बन गया। पासपोर्ट अवधि समाप्त होने से ठीक नौ महीने पहले इस महिला ने नौ अप्रैल 2014 को फोटो पहचान पत्र का नवीनीकरण भी अपने नए मकान के पते पर करवा लिया।