सिद्धू मूसेवाला… गोगामड़ी और अब नफे सिंह राठी, आतंक की नई पहचान बना लॉरेंस बिश्नोई?

Sidhu Moosewala… Gogamdi and now Nafe Singh Rathi, Lawrence Bishnoi becoming the new identity of terror?
Sidhu Moosewala… Gogamdi and now Nafe Singh Rathi, Lawrence Bishnoi becoming the new identity of terror?
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हरियाणा के बहादुरगढ़ में INLD चीफ नफे सिंह राठी की बर्बरता से हत्या कर दी गई। ताबड़तोड़ फायरिंग में उन्हें तीन गोलियां लगीं और उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। अब नफे की हत्या पर सियासत शुरू हो चुकी है, हरियाणा की कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी संशय पैदा हो गया है। लेकिन इन तमाम चीजों के बीच में एक बात और है जो एक बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रही है- लॉरेंस बिश्नोई गैंग।

अभी तक इस बात के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं कि नफे सिंह राठी की हत्या में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इसी संगठन ने फिर हरियाणा की धरती को लहुलुहान करने का काम किया है। अभी तक पुलिस ने इस पर कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन चर्चा तेज है कि एक बार फिर लॉरेंस के गुर्गों ने ही खेल कर दिया। एक और बड़े आदमी की हत्या कर दी। अब जिस लॉरेंस बिश्नोई का नाम इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में चल रहा है, उस पर शक करने के कई कारण बनते हैं।

लॉरेंस का पास्ट रिकॉर्ड सब बता रहा
ये नहीं भूलना चाहिए कि पिछले कुछ सालों में जितनी भी हाई प्रोफाइल किलिंग हुई हैं, उनमें लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ सक्रिय रूप से पाया गया है। बड़ी बात ये है कि इस संगठन ने खुद ही कई बार हत्याओं की जिम्मेदारी ली हैं और डंके की चोट पर वारदातों को अंजाम दिया है। अब नफे सिंह राठी की हत्या में भी इस गैंग का नाम जरूर आ रहा है, लेकिन आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन अगर इस गैंग के पास्ट रिकॉर्ड को देखा जाए तो कई तरह के सवाल खड़े हो सकते हैं।

हाई प्रोफाइल किलिंग और लॉरेंस गैंग की भूमिका
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी और सिद्धू मूसेवाला की हत्याओं में भी लॉरेंस बिश्नोई का ही हाथ था। पिछले साल पांच दिसंबर को राजस्थान में करणी सेना के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। उस हत्या की जिम्मेदारी बिश्नोई गैंग ने ली थी। इसी तरह सिद्धू मूसेवाला की जो हत्या हुई थी, उसमें भी लॉरेंस बिश्नोई का हाथ था। साल 2022 में 29 मई को जब सिंगर सिद्धू मूसेवाला अपने घर से ही निकले थे, उनकी गाड़ी पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई और उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया। तब खुद लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने उस हत्या की जिम्मेदारी ली थी। कहा गया था कि क्योंकि दविंदर बंबीहा गिरोह ने गोल्डी बराड़ के चचरे भाई गुरलाल बराड़ की हत्या कर दी थी, ऐसे में बदला लेने के लिए मूसेवाला को मार दिया गया।

कॉन्ट्रैक्ट किलिंग में माहिर, छोटे गिरोहों को पकड़ रहे
एक बड़ी बात ये थी कि कुछ शूटर्स ने मूसेवाला को मौत के घाट उतारा था। वो सभी बंदूक चलाने में एक्सपर्ट थे, उनका एक भी निशाना मिस नहीं हुआ था। ये लॉरेंस गैंग की पहचान भी कही जा सकती है जहां पर कॉन्ट्रैक्ट किलिंग्स करने पर भरोसा दिखाया जाता है। शूटर्स को हायर कर किसी को भी मार दिया जाता है। समझने वाली बात ये है कि नफे सिंह राठी को जो गाड़ी में मारा गया है, वहां भी कुछ ऐसा ही पैटर्न देखने को मिला है। हत्या उसी अंदाज में हुई है, जिस तरह से मूसेलावा का भी मर्डर किया गया था। तब भी कुछ शूटर्स ने अचानक से आकर गोलियां बरसाना शुरू कर दिया था, यहां भी वही देखने को मिला है, ऐसे में सेट पैटर्न, वहीं तरीका, क्या हत्या भी लॉरेंस गैंग ने?

वर्तमान में उत्तर भारत में अगर कोई सबसे बड़ी गैंग मानी जाती है तो वो लॉरेंस बिश्नोई की है। इस गैंग की खासियत ये है कि ये खुद अपने आदमियों को काम पर नहीं लगाती है, ऐसा देखने को नहीं मिलता है कि गैंग के आदमी ही किसी की हत्या कर रहे हों। असल में ये लोग हायरिंग करते हैं, छोटे गिरोहों से संपर्क साधते है और फिर विदेश से बैठकर ही किसी को भी मारने का फरमान जारी करते रहते हैं। ऐसा होने के बाद लोकल लेवल पर लोगों को ढूंढ़ा जाता है, फिर उन्हें हथियार मुहैया करवाए जाते हैं और आखिर में किसी भी वारदात को अंजाम दिया जाता है।

गुर्गे विदेश से चला रहे धंधा
इस समय लॉरेंस की गैंग के साथ संदीप उर्फ काला जठेड़ी, अनिल छिप्पी, राजू बसौदी जैसे कई गैंगस्टर शामिल हैं। वहीं विदेश में बैठकर साजिश रचने वालों में गोल्डी बराड़, लिपिन नेहरा और रोहित गोदारा का नाम सबसे पहले आता है। इस गैंग की एक बड़ी बात ये भी है कि ये हत्या करवाने के बाद अपने जुर्म को खुद कुबूल भी करती है। फेसबुक पर वीडियो जारी कर हमले की जिम्मेदारी ले ली जाती है। ऐसा कर लोगों में आतंक फैलता है और लॉरेंस बिश्नोई की दहशत बनी रहती है। अब अभी तक नफे सिंह राठी की हत्या के बाद गैंग का कोई वीडियो सामने नहीं आया है, लेकिन पुलिस हत्या का पैटर्न देखने के बाद इस बात को नकार नहीं पा रही है कि वारदात में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ ना हो।