“कोई बिहार से झुंड बनाने आ रहा, कोई दिल्ली से….शेर हमेशा अकेला चलता है और वह मोदी जी हैं”

"Someone is coming from Bihar to form herd, some one from Delhi....Lion always walks alone and that is Modi ji"
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महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने नए संसद भवन के उद्घाटन पर जाने को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हम पूरे दिल और इच्छा के साथ जाएंगे और जो नहीं जा पा रहे हैं वह टीवी के सामने बैठकर उस पवित्र मंदिर के उद्घाटन को देखेंगे। उन्होंने कहा कि उद्घाटन को लेकर विपक्ष का विरोध इसलिए है कि उन्होंने जो सोच नहीं पाया वह मोदी जी ने कर दिखाया और समय से पहले कर दिखाया।

नवनीत राणा ने कहा, “विपक्ष की तकलीफ संसद नहीं है, ना ही राष्ट्रपति को बुलाया जाना है, बल्कि उनकी तकलीफ है कि ये मोदी जी ने कर दिखाया है और इसलिए विपक्ष के पेट में दर्द हो रहा है। कहते हैं ना कि मोदी जी हैं, तो मुमकिन है और यह संसद भवन के उद्घाटन में होता दिख रहा है। विपक्ष से पूछना चाहूंगी कि मंदिर का उद्घाटन करने वाले का बहिष्कार करने वाला कौन होता है नास्तिक, क्या आप नास्तिक हैं। हमारी तो ऐसे मंदिर से आस्था जुड़ी है, तो वहां जाकर माथा टेकेंगे। मेरा सवाल है कि विपक्ष से आज तो आप उद्घाटन में नहीं जाएंगे, लेकिन क्या जब संसद चलेगी, तब भी वहां नहीं जाएंगे।”

झुंड बनाने वाले तो सिर्फ लड़ते रह जाएंगे- नवनीत राणा
इसके साथ नवनीत राणा ने उद्धव ठाकरे समेत विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं पर हमला करते हुए कहा, “महाराष्ट्र में नया चलन है कि कोई बिहार से झुंड बनाने आ रहा है, कोई दिल्ली से तो कोई कोलकाता से झुंड बनाने आ रहा है। मेरा कहना है कि शेर हमेशा अकेला चलता है और वह मोदी जी हैं। झुंड बनाने वाले तो सिर्फ लड़ते रह जाएंगे और 2024 में भी शेर ही लोगों के आशीर्वाद से जीतकर आएगा।”

“महाराष्ट्र में लोगों ने संजय राउत को सुनना छोड़ दिया है”
संजय राउत को लेकर राणा ने कहा, “उन्हें महाराष्ट्र में लोगों ने सुनना छोड़ दिया, लेकिन फिर भी मैं इतना कहना चाहूंगी कि मैं भी पिछड़े समाज से आती हूं और मुझे बहुत गर्व हुआ जब मोदी जी ने आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाया। आज तक किसी विपक्ष ने ऐसा क्यों नहीं सोचा कि आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाया जाए। अगर महिलाओं को लेकर या पिछड़े वर्ग की महिलाओं को लेकर इनका प्रेम है, तो हमें बताएं कि महाराष्ट्र में आज तक मुख्यमंत्री महिला क्यों नहीं बनी है। मोदी जी ने तो गुजरात में महिला मुख्यमंत्री बनाए और अपने ही राज में महिला आदिवासी मुख्यमंत्री भी बनाई।”

शिंदे गुट के 22 लोकसभा सीटों के दावे पर उन्होंने कहा, “आज वह अपनी पार्टी के हिसाब से अपने विचार रख रहे हैं। मैं इंडिपेंडेंट हूं। मैं और मेरे पति भी इंडिपेंडेंट हैं, तो आगे की लड़ाई भी ऐसे ही लड़ेंगे, लेकिन इस बारे में बात करना अभी बहुत जल्दी है, जब वक्त आएगा, तब इस पर चर्चा करेंगे।”