पाक में बैठे आका ने उत्तराखंड से दिलाए हथियार, ’ड्रॉप डेड मैथड’ से दिया ऑपरेशन को अंजाम; आतंकियों ने खोले बड़े राज

The boss sitting in Pakistan got weapons from Uttarakhand, carried out the operation with 'drop dead method'; Terrorists revealed big secrets
The boss sitting in Pakistan got weapons from Uttarakhand, carried out the operation with 'drop dead method'; Terrorists revealed big secrets
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नई दिल्ली | दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हत्थे चढ़े आरोपी नौशाद और जगजीत ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आरोपी गूगल मैप के जरिये उत्तराखंड से दिल्ली में हथियार लाए थे। सूत्रों की मानें तो इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने में करीब दो महीने का वक्त लगा। इस दौरान आरोपियों को सीमापार से इनके आका ने सिग्नल ऐप पर निर्देश दिए और गूगल मैप के जरिये हथियार से भरे बैग की लोकेशन भेजी थी। पूरे ऑपरेशन को ’’ड्रॉप डेड मैथड’’ के जरिये गोपनीय तरीके से अंजाम दिया गया, ताकि एजेंसियों को भनक न लगे।

वारदात में 8 लोग शामिल होने का संकेत : स्पेशल सेल सूत्रों के अनुसार, इस वारदात में करीब 8 लोग शामिल हो सकते हैं। इसमें से एक पाकिस्तान तो दूसरा कनाडा में बैठा है, जबकि दो का इस्तमाल हथियार मुहैया कराने और अन्य दो का इस्तेमाल हथियार खास लोकेशन पर रखकर उनकी करेंट लोकेशन भेजने के लिए किया गया। यह खुलासा जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने किया। अधिकारी के मुताबिक, टीम वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने की कोशश कर रही है, ताकि आगे की कड़ी तक पहुंचा जा सके। पूछताछ में आरोपियों ने हथियार उत्तराखंड से लाए जाने की बात कही है। हथियार का बैग उठाने के लिए भेजी गई लाइव लोकेशन समेत अन्य दूसरे साक्ष्यों की जानकारी हासिल करने के लिए मोबाइल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है।

एक आका पाकिस्तान तो दूसरा कनाडा में : जांच में यह भी पता चला है कि पाकिस्तान में बैठे आका के भी कई नाम हैं। ज्यादातर समय उसने अपना नाम हैदर बताया। हालांकि, आरोपियों से इस पाकिस्तानी हैंडलर ने कहा कि एजेंसियों को चकमा देने के लिए कुछ उपनाम भी रखे जाते हैं। तुम लोग भी अपने अलग नामों से अलग-अलग जगहों पर अपना ठिकाना बनाना। वहीं कनाडा में बैठे इनके आका को लेकर स्पेशल सेल का कहना है कि अर्शदीप डाला इनके संपर्क में था। अर्शदीप डाला केटीएफ यानी खालिस्तान टाइगर फोर्स का आतंकी है। पुलिस को भारतीय नेटवर्क में 4 संदिग्धों के शामिल होने का शक है।

12 जनवरी को गिरफ्तार किए थे दो आरोपी
दिल्ली पुलिस का कहना है कि 26 जनवरी से पहले कुछ लोगों के संदिग्ध रोल के बारे में जानकारी मिली थी। सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने 12 जनवरी को जहांगीरपुरी इलाके से दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इस दौरान यह पता चला कि ये लोग टारगेट किलिंग का प्लान कर रहे थे। इसके साथ ही दोनों संदिग्ध पहले भी बड़ी वारदातों में शामिल रह चुके हैं। पूछताछ के बाद जगजीत और नौशाद पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम लगाया गया था।

अब तक ये खुलासे
1. नौशाद आतंकी संगठन हरकत-उल-अंसार से जुड़ा था। उसे विस्फोटक अधिनियम के एक मामले में 10 साल की सजा भी हो चुकी है।

2. निशानदेही पर दो हैंड ग्रेनेड, तीन पिस्टल और 22 कारतूस बरामद हुए। इनके आकाओं ने इनको हिंदू संगठनों के नेताओं को निशाना बनाने के निर्देश दिए थे।

3. विदेश में बैठे आकाओं को क्षमता दिखाने के लिए किए इन्होंने दिल्ली में युवक के नौ टुकड़े कर उसकी हत्या की थी और वारदात का 37 सेकंड का वीडियो बना आकाओं को भेजा था।