डॉक्टर ने CM केजरीवाल को लेकर किया बड़ा दावा… जानकर माथा खुद ही पीटने लगेंगे आप

The doctor made a big claim about CM Kejriwal... after knowing this you will start beating your head yourself.
इस खबर को शेयर करें

नई दिल्ली. तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य को लेकर लगातार अपडेट मिल रहे हैं. दिल्ली की कैबिनेट मंत्री आतिशी ने बुधवार को ही दावा किया था कि अरविंद केजरीवाल की सेहत बिगड़ रही है. आतिशी ने कहा था, ‘अरविंद केजरीवाल का वजन पिछले 12 दिनों में 4.5 किलो घट गया है.’ वहीं, तिहाड़ जेल प्रशासन ने आतिशी के बयान पर कहा था कि अरविंद केजरीवाल का वजन नहीं गिरा है और अरविंद केजरीवाल लगातार 65 किलो वजन को मैंटेन रख रहे हैं. ईडी ने अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. ऐसे में देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के डॉक्टरों से जानेंगे कि वजन घटने से क्या-क्या नुकसान होते हैं और वजन किन वजहों से घटता है?

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पिछले कई सालों से शुगर के मरीज हैं. देश के सबसे बड़े अस्पताल दिल्ली एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टर ऐ के बिसोई न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, ‘साइंटिफिकली यह संभव नहीं है. यह तभी होता है जब आदमी को लूज मोशन होता है, आदमी खाना-पीना छोड़ देता है या फिर डायबिटीज के मरीज दवा लेना बंद कर देते हैं. इनमें से अगर कोई कारण अरविंद केजरीवाल के साथ हुआ है तो ऐसा संभव है. वरना यह संभव नहीं है. जहां तक मेरी जानकारी है अरविंद केजरीवाल डायबिटीज के मरीज हैं. मेरी नजर में सीएम अरविंद केजरीवाल से संबंधित यह जानकारी सही नहीं है.’

शुगर लेवल कितना होना चाहिए
आपको बता दें कि मेडिकल साइंस में 140 mg/dL से कम ब्लड शुगर का स्तर सही माना गया है. वहीं, अगर शुगर का लेवल 200 mg/dL से ऊपर है तो समझिए आप शुगर के चपेट में आने वाले हैं. इसको लेकर आपको सावधानी बरतनी शुरू कर देनी चाहिए. लेकिन, अगर लेवल 300 mg/dL से 400 mg/dL तक चला जाता है तो यह और खतरनाक साबित हो सकता है. शुगर लेवल ज्यादा कम होना भी खतरनाक ही होता है.

अररविंद केजरीवाल का वजन घटा या फिर…
डॉक्टरों की मानें तो शुगर के मरीज को आंखों, गुर्दे, तंत्रिकाओं और दिल की बीमारी होने का खतरा ज्यादा रहता है. अगर शुगर लेवल कंट्रोल नहीं रहता है तो किसी भी आदमी को किडनी फैल्योर के साथ-साथ हार्ट अटैक भी आ सकता है. कुछ मामले में तो मरीज को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी होने का खतरा बढ़ जाता है. नोएडा के भारद्वाज अस्पताल के मेडिसिन विभाग के सीनियर डॉक्टर अभिषेक कुमार कहते हैं, ‘देखिए डायबिटीज के मरीजों में वैसे तो कई तरह की समस्याएं आनी शुरू हो जाती हैं. लेकिन, हार्ट की परेशानी होने की संभावना सबसे अधिक रहती है. ब्लड शुगर का कम होना भी दिल के लिए बेहद खतरनाक है. दिल की बीमारी का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर डायबिटीज ही है. ऐसे में दिल के मरीज डायबिटीज को कंट्रोल में रखें और हर छह महीने में HbA1C का टेस्ट कराएं.’