अभी अभीः भूकंप के तेज झटको से हिला देश, 5.3 रही तीव्रता, जानें कहां कितना असर

A strong earthquake was felt in Chamba district of Himachal Pradesh at 9:35 pm on Thursday. After the sudden earthquake, people were evacuated from their homes and reached open spaces.
A strong earthquake was felt in Chamba district of Himachal Pradesh at 9:35 pm on Thursday. After the sudden earthquake, people were evacuated from their homes and reached open spaces.
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा में वीरवार देर रात 9:35 पर भूकंप के तेज झटका महसूस किया गया। अचानक लगे भूकंप के झटके के बाद लोग अपने घरों से निकाल कर खुली जगह पर पहुंच गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप के झटके की तीव्रता 5.3 आंकी गई। भूकंप के झटके से जिला में किसी के हताहत होने की कोई जानकारी नहीं है। उपयुक्त चंबा मुकेश रैप्सवाल ने बताया कि भूकंप के झटके से जिला में किसी प्रकार के जानो माल का नुकसान नहीं हुआ है।

कुल्लू-लाहौल में भी महसूस हुए भूकंप के झटके
कुल्लू और लाहौल घाटी में एक के बाद एक कई भूकंप के झटके महसूस किए गए। रात करीब 9:35 बजे आए भूकंप के तीन से चार झटकों के बाद लोग घर से बाहर निकल आए। केलांग में तो लोग कड़ाके की ठंड में बच्चों के साथ बाहर निकले। वहीं मनाली और कुल्लू में लोग घर से बाहर आए। गुरदेव कुमार ने कहा कि वह अपनी पोती को लेकर घर बाहर निकले। एडीएम कुल्लू अश्वनी कुमार ने कहा कि भूकंप के झटके लगे हैं। मगर कहीं से नुकसान की सूचना नहीं है।

आज की के दिन आया विनाशकारी भूकंप
कांगड़ा में चार अप्रैल 1905 की सुबह आए 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप में 20 हजार से ज्यादा इंसानी जानें चली गई थीं। भूकंप से एक लाख के करीब इमारतें तहस-नहस हो गई थीं, जबकि 53 हजार से ज्यादा मवेशी भी भूकंप की भेंट चढ़ गए थे।

क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर सात या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता और क्या है मापने का पैमाना?
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।