वो नेता जो दिन में पुरुष तो रात में बन जाता था स्त्री, शव पूजा के आरोप भी लगे

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चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए हैं. उनके लिए अक्सर ही कहा जाता है कि उन्होंने अपने ससुर से विद्रोह करके उनकी सियासी पार्टी पर कब्जा कर लिया. हालांकि उनके ससुर के भी एक नहीं ना जाने कितने किस्से हैं. उन्हें ड्रामा राव भी कहते हैं. वह वहां राज्य में अजीबोगरीब हरकत करने के लिए जाने जाते थे.

उनकी सबसे अजीब हरकत तो यही थी कि वह दिन में पुरुष के तौर पर नजर आते थे तो रात में स्त्री वेष धर लेते थे. जब लोगों को ये बात पता चली तो पहले विश्वास नहीं किया, फिर इसकी चुटकी भी ली. उनका ये किस्सा इतना लोकप्रिय हुआ कि आज भी जो इसे जानता है हैरान रह जाता है कि एक पुरुष नेता रात में कैसे स्त्री बन जाता था. ये तो हम आपको बताएंगे, पहले एनटी रामाराव के बारे में जान लीजिए.

हीरो से बने थे राजनेता
तेलुगु फिल्मों के लोकप्रिय हीरो एनटी रामा राव आंध्र प्रदेश की राजनीति में धूमकेतु की तरह उभरे थे. उन्होंने तेलुगुदेशम के नाम से अपनी ऩई राजनीतिक पार्टी बनाई. फिर 1984 में भारी बहुमत से जीतकर आंध्र प्रदेश में अपनी सरकार बनाई. वह कुछ ही सालों में दक्षिण भारत के शीर्ष नेताओं में शुमार हो गए. लेकिन उनकी महत्वाकांक्षा यहीं नहीं रुकी. वह राष्ट्रीय राजनीति में आकर प्रधानमंत्री बनना चाहते थे.

एक ज्योतिषी ने दी थी अजीब सलाह
और इसी वजह से उन्हें रात में स्त्री बनना पड़ता था. जेडीयू के सीनियर लीडर केसी त्यागी ने एक हिंदी राष्ट्रीय अखबार में लेख लिखा कि पीएम बनने के लिए उन्होंने किस तरह एक ज्योतिषी के कहने पर अजीबोगरीब काम किया.

रात में होते थे स्त्री वस्त्रों में
त्य़ागी ने अपने लेख में लिखा है कि उन दिनों आम चर्चा थी कि किसी ज्योतिषी के कहने पर वो रात में स्त्री वस्त्र धारण करने लगे. वह रात में अपने पुरुष वस्त्रों को किनारे करके साड़ी, ब्लाउज पहन लेते थे. पहले तो लोगों को उनका स्त्री बनना अजीबोगरीब लगा लेकिन फिर ये बात फैलने लगी. हालांकि ये भी कहा जाता है कि वह ये काम बुरी नजरों से बचने के लिए किया करते थे.

आंध्र में लोग कहते थे ड्रामा राव
उन्हें आंध्र प्रदेश में लोग ड्रामा राव भी कहते थे. उन्होंने एक आठ वर्षीय बच्ची के साथ 40 वर्षीय व्यक्ति द्वारा बलात्कार किए जाने की खबर पढ़ने के बाद गहरी पीड़ा में घोषणा की कि वे अब “योगी मुख्यमंत्री” बन गए हैं. अब संन्यासी वस्त्र पहनेंगे. जब कांग्रेस ने इस पर चुटकी ली तो उन्होंने जवाब दिया कि वह एक “राजयोगी” हैं. फिर उन्होंने सार्वजनिक तौर पर ये दिखाना शुरू किया कि वह कैसे अपनी धोती को एक संन्यासी से अलग तरीके से बांधते हैं.

राख वाली लॉकेट क्यों पहनते थे
जून 1984 में वह कोरोनरी बाईपास सर्जरी के लिए अमेरिका जा रहे थे. उससे पहले उन्होंने पत्रकारों को एक लॉकेट दिखाया, जो उन्होंने पहना था. उन्होंने कहा कि इसमें उनकी मां की राख है. उन्होंने कहा, जब भी मुझे कोई समस्या आती है, तो मैं लॉकेट से एक चुटकी राख लेता हूं, एक गिलास पानी में डालकर पी लेता हूं, जिससे सही निर्णय लेने के लिए मन को शांति मिले.” कुछ समय के लिए उन्होंने रुद्राक्षमाला भी पहनी.

शव पूजा करने के आरोप लगे
उनके ऊपर शव पूजा करने के आरोप लगे. बाद में जब ये बात फैलने लगी तो उन्हें सफाई देनी पड़ी कि वह किसी भी तरह की रहस्यमयी क्रियाकलापों में लिप्त नहीं हैं.

अंक ज्योतिष में विश्वास
अंक ज्योतिष में विश्वास के कारण वह केवल 9 की श्रृंखला में पंजीकरण संख्या वाली कारों में यात्रा करते थे. दिल्ली में उनके लिए एक खास ऐसी ही नई कार भेजी गई ताकि जब वह दिल्ली में रहें तो इसी का इस्तेमाल करें. उनकी ज्यादातर कारों के नंबर 9999 ही होते थे. उनके बाद उनके पोते और तेलगू सिने स्टार जूनियर एनटीआर ने भी अपनी कारों का नंबर 9999 ही रखा है. वह भी अपनी तमाम योजनाओं के मैथॉलॉजिक नाम रखने के लिए जाने जाते थे.