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चंडीगढ़ः किसानों के दिल्ली कूच ऐलान के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने पंजाब से हरियाणा को जोड़ने वाले बॉर्डरों को सील कर दिया है। हरियाणा सरकार की तरह से किसानों को रोकने के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। सरकार ने हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया है। इसके साथ ही सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे जेसीबी मशीन से खोद दिए गए हैं। किसानों को रोकने के लिए भारी पुलिस बल, केंद्रीय सुरक्षा बल के साथ ही कंटीले तारों बड़े-बड़े बैरिकेड्स के साथ सुरक्षा के त्रिस्तरीय प्रबंध किए गए हैं। हरियाणा को लगभग एक अभेद किले में सरकार ने तब्दील कर दिया है।
वहीं अब यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। दिल्ली के एक वकील ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में हरियाणा सरकार के खिलाफ याचिका दायर की है। याचिका में बॉर्डरों को बंद करने और इंटरनेट बंद करने के फैसले को चुनौती दी गई है। याची उदय प्रताप ने हाईकोर्ट से मांग की है कि सरकार को बॉर्डर खोलने और इंटरनेट बहाल करने के आदेश दिए जाएं। इस मामले में पर कल यानी मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।
याचिका दायर करने वाले दिल्ली के वकील उदय प्रताप खबरूप ने कहा कि किसानों ने शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करना है। इसके बावजूद हरियाणा सरकार ने पंजाब से लगते बॉर्डर सील कर दिए हैं। इसके अलावा 15 जिलों में धारा 144 लगाई गई है। 7 जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। उन्होंने दलील दी कि बॉर्डर बंद करने और मोबाइल इंटरनेट, SMS बंद किए जाने से एक तरफ किसानों के लोकतांत्रिक अधिकार का हनन किया जा रहा है तो दूसरी तरफ आम लोगों को भी परेशान किया जा रहा है।
सरकार के इस रवैये से किसानों में खासी नाराजगी देखी जा रही है। किसानों का कहना है कि एक तरफ सरकार बातचीत के माध्यम से किसानों के मसले को हल करने की बात कह रही है। दूसरी तरफ सड़के खोद डाली, उनपर कीलें बिछा दीं और इंटरनेट बंद करके किसानों को उकसा रही है।