सोना-चांदी दोनों के भाव गिरे, सस्ता सोना खरीदना है तो जल्द करें आवेदन

The prices of both gold and silver fell, if you want to buy cheap gold, then apply soon
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नई दिल्ली : सोने-चांदी की कीमतों में बुधवार शाम गिरावट देखने को मिली। सोने की कीमतें (Gold Rate Today) इस समय 51,500 रुपये से नीचे ट्रेड कर रही हैं। एमसीएक्स एक्सचेंज पर बुधवार शाम 5 अक्टूबर 2022 का सोना 0.15 फीसदी की गिरावट के साथ 51,340 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखा। सोने के साथ ही चांदी की कीमतों (Silver Rate Today) में भी गिरावट देखने को मिली है। बुधवार शाम एमसीएक्स पर 5 सितंबर 2022 की डिलीवरी वाली चांदी 301 रुपये की गिरावट के साथ 54,906 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड करती दिखाई दी। सोने-चांदी की वैश्विक कीमतों में भी इस समय गिरावट देखने को मिली।

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सस्ता सोना खरीदने का मौका
सॉवरेन गोल्ड बांड (Sovereign Gold Bond Scheme) की दूसरी किस्त इस समय सब्सक्रिप्शन के लिए खुली हुई है। एसजीबी योजना की दूसरी सीरीज 22 अगस्त को खुली थी। यह 26 अगस्त तक खुली रहेगी। इस सीरीज में इश्यू प्राइस (SGB Issue Price) 5,197 रुपये प्रति ग्राम रखा गया है। अगर निवेशक इसके लिए ऑनलाइन आवेदन और पेमेंट करते हैं, तो आरबीआई 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट दे रहा है।

क्या है सॉवरेन गोल्ड बांड
सोने (Gold) में निवेश करने पर लोगों को लाभ देने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना (Sovereign Gold Bond Scheme) की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत लोग गोल्ड में अपना पैसा निवेश कर अधिक लाभ ले सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की किस्त समय-समय पर एक निश्चित अवधि के लिए खुली रहती है। इस योजना के तहत, RBI द्वारा भारत सरकार के परामर्श से इश्यू को अलग-अलग चरणों में सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रखा जाता है। RBI समय-समय पर योजना के नियमों और शर्तों को अधिसूचित करता है।

कहां से खरीद सकते हैं?
गोल्ड बांड बैंकों (छोटे वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बीएसई के जरिए खरीदे जा सकते हैं।

कितना खरीद सकते हैं

RBI के निर्देशों के अनुसार, ट्रस्ट और विश्वविद्यालयों के लिए अधिकतम सीमा 20 किलोग्राम है। इंडिविजुअल्स और एचयूएफ के लिए यह सीमा 4 किलोग्राम है। भारत का कोई भी निवासी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार, ट्रस्ट, विश्वविद्यालय और धर्मार्थ संस्थान सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना में निवेश करने के योग्य हैं।

कितनी होती है मैच्योरिटी
गोल्ड बांड की मैच्योरिटी अवधि 8 साल की होती है। साथ ही आपको इसमें 5वें वर्ष के बाद अगले ब्याज भुगतान तारीखों पर बाहर निकलने का विकल्प भी मिलता है। मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद ग्राहक को प्राप्त होने वाला रिटर्न पूरी तरह टैक्स फ्री है।

मिलता है ब्याज
इस योजना का एक लाभ यह भी है कि इसमें शुरुआती निवेश की राशि पर सालाना 2.50 फीसद की एक निश्चित ब्याज दर प्राप्त होती है। इस ब्याज को निवेशक के बैंक खाते में छमाही आधार पर जमा किया जाता है। यह ब्याज इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत टैक्सेबल है। एक वित्त वर्ष में गोल्ड बॉन्ड से हासिल ब्याज करदाता की अन्य सोर्स से इनकम में काउंट होता है। इसलिए इस पर टैक्स इस आधार पर लगता है कि करदाता किस इनकम टैक्स स्लैब में आता है।