दिल्ली के ऐसे नरपिशाच की कहानी जो लड़के-लड़कियों को मारकर डेडबॉडी से बनाता था संबंध

The story of such a vampire of Delhi who used to kill boys and girls and make relation with deadbody
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आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे नरपिशाच की कहानी जिसने 16 साल पहले दर्जनों युवतियों और यहां तक की लड़कों को भी मारकर उनकी डेडबॉडी से संबंध बनाए और उनके टुकड़े-टुकड़े कर उन्हें नाले में दिया था। ये नरपिशाच अपने अैयाश मालिक की कोठी के बाहर से गुजरने वाली किसी भी युवती काे नहीं छोड़ता था। ये घटना है मई 2006 की, जब उत्तराखंड से नौकरी की तलाश में नोएडा रहने आई पायल सेक्टर-31 की कोठी नंबर डी-5 पहुंचती है। पायल अपने पिता नंदलाल को ये बताकर घर से निकलती है कि उसे डी-5 कोठी के मालिक ने नौकरी के लिए बुलाया है। रिक्शे से उतरकर पायल अंदर जाती है और फिर कभी वापस नहीं लौटती। पायल के पिता उसकी खोज करते हुए डी-5 कोठी पर पहुंचते हैं पर वहां का मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर ये कह देता है कि यहां कोई लड़की नहीं आई।

ऐसे सामने आती है इनकी हैवानियत
पायल के पिता नंदलाल बेटी की खोज के लिए पुलिस और कोर्ट का सहारा लेते हैं। पुलिस को वही रिक्शे वाला मिलता है, जिसने पायल को आखिरी बार कोठी में छोड़ा था। रिक्शा चालक के मुताबिक पायल कोठी के अंदर गई थी और उसने आकर पैसे देने को कहा था, लेकिन वह कभी वापस ही नहीं आई। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर दिसंबर 2006 में जब मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी की जांच होती है तो पायल का मोबाइल पुलिस को मिल जाता है। पायल का मोबाइल मिलते ही पुलिस कोठी और उसके आसपास सर्चिंग शुरू कर देती है। पुलिस कोठी के बाहर के नाले को खुदवाती है, जिसके बाद दो नरपिशाचों की कहानी सामने आती है।

नाले से मिलते हैं मानव अंग भरे 40 पैकेट
पुलिस को नाले से 40 पैकेट में लगभग 19 नर कंकाल मिलते हैं। जांच में पता चलता है कि ये कंकाल छोटी बच्चियों से लेकर महिलाओं और लड़कों के भी थे, जिसके बाद पुलिस कोठी मालिक पंढेर और वहां उसके साथ रहकर काम करने वाले सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार कर कड़ी पूछताछ करती है, जिसमें इनकी हैवानियत सामने आती है।

जांच में पता चलता है पंढेर और कोली साथ मिलकर लड़कियों को अपना शिकार बनाते थे और उनका रेप करने के बाद उन्हें मार देते थे। वहीं नरेंद्र कोली कोठी के सामने से गुजरने वाली किसी भी युवती या बच्चियों तक को नहीं छोड़ता था। वो कभी काम के बहाने या किसी भी बहाने से इन्हें कोठी के अंदर ले जाया करता और फिर हत्या करने के बाद डेड बॉडी से संबंध बनाता था। संबंध बनाने के बाद वह शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर नाली में फेंक देता था। इस खौफनाक कहानी को सुनकर पुलिस के भी होश उड़ गए। जांच में पता चला कि नरेंद्र कोली नेक्रोफिलिया नामक बीमारी से ग्रस्त था। इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति डेड बॉडी के साथ संबंध बनाने लगता है क्योंकि उसे रेप के दौरान विरोध होने का डर रहता है।

14 बार हुई फांसी की सजा
दोनों अपराधियों को कई मामलों में हत्या, अपहरण, रेप, वैश्यावृत्ति आदि का दोषी माना गया और अलग-अलग सजा सुनाई गई। दोनों आरोपियों को लगभग 13-14 बार फांसी की सजा सुनाई गई, हालांकि सबूतों को आधार पर कोठी मालिक पंढेर को हत्या व अपहरण के मामले में राहत दे दी गई। लेकिन वैश्यावृत्ति के मामले में पंढेर को सात साल की सजा हुई।इस मामले में कोर्ट ने पंढेर की कोठी में काम करने वाले नरेंद्र कोली की फांसी की सजा को बरकरार रखा है। इस केस को दिल्ली सीरियल मर्डर्स और निठारी हत्याकांड (Nithari Case) के नाम से भी जाना जाता है।