कन्‍हैयालाल केस में जिस वीडियो से फैली दहशत, उसी की वजह से बची 2 की जान

The video that spread panic in the Kanhaiyalal case saved 2 lives
The video that spread panic in the Kanhaiyalal case saved 2 lives
इस खबर को शेयर करें

Udaipur Tailor Murder Case Latest Updates: राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल साहू (Kanhaiya Lal Sahu) की हत्या मामले में ज़ी न्यूज की पड़ताल में बड़ा खुलासा हुआ है. जांच में पता चला है कि जिस वीडियो से लोगों में दहशत फैली, उसी वीडियो की वजह से 2 लोगों की जान बच गई. जिहादी हत्यारे गोस मोहम्मद (Gos Mohammed) और मोहम्मद रियाज अत्तारी की एक गलती ने नितिन और पनेरिया की जान बचा ली. दोनों ने जल्दबाजी में टास्क पूरा होने से पहले ही कन्हैया लाल की हत्या का वीडियो वायरल कर दिया था. इस वीडियो के वायरल होने के बाद पाकिस्तान के आकाओं ने गोस से नाराजगी जाहिर की थी.

पाकिस्तान (Pakistan) के आका से मिले आदेश के मुताबिक कन्हैया की हत्या करने के बाद मोहसिन और आसिफ को नितिन जैन व एक अन्य शख्स की हत्या करनी थी. आका का आदेश था कि गोली से नहीं ‘गला’ काट कर सबकी हत्या करनी है. लेकिन कन्हैया की हत्या करने के बाद गोस (Gos Mohammed) और रियाज ने जल्दबाजी में वीडियो रिकॉर्ड करके वायरल कर दिया था. आका ने कहा था कि गला काटने के बाद अजमेर जाकर दरगाह पर चादर चढ़ानी है और फिर अगले आदेश का इंतजार करना है. हालांकि अजमेर पहुंचने से पहले ही राजसमंद जिले की भीम और देवगढ़ पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था.

पुलिस की पूछताछ में दोनों ने बताया कि उनको मिला टास्क पूरा हो गया था, इसलिए चादर चढ़ाने अजमेर जा रहे थे. लेकिन उनके द्वारा जल्दबाज़ी में वीडियो रिलीज करना उनकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई. उनके पास से बरामद मोबाइल फोन में ज्यादातर वीडियो और चैट डिलीट कर दी गई थी. जिसे पुलिस ने रिट्रीव कर लिया और सारी अंतरराष्ट्रीय साजिश बेनकाब हो गई.

मोहसिन और आसिफ को काटना था गला
पुलिस सूत्रों के मुताबिक कन्हैया लाल की हत्या करने के फौरन बाद मोहसिन, आसिफ़ समेत उनके बाकी साथियों को कुछ देर बाद ही नितिन जैन और पनेरिया नाम के शख्स की हत्या करने का आदेश पाकिस्तान के आकाओं ने दिया था. लेकिन ये लोग कन्हैया लाल की हत्या के बाद अपने दूसरे टारगेट तक पहुंच पाते उससे पहले ही गोस और रियाज की एक गलती की वजह से नितिन और पनेरिया की जान बच गई.

दरअसल नूपुर शर्मा के ब्यान का समर्थन करने के बाद 17 जून से ही कन्हैया लाल समेत नितिन जैन और पनेरिया कट्टरपंथियों के निशाने पर थे. 17 जून को इन तीनों का सर कलम करने का ऐलान भले ही गोस और रियाज ने किया था लेकिन उसकी साजिश पाकिस्तान में रची गई थी. उन्हें कुल 6 लोगों की हत्या का टास्क दिया गया था. टास्क के मुताबिक कुछ घंटों के अंदर ही तीनों को मौत के घाट उतारा जाना था और हत्या का तरीका भी एक जैसा करने को बोला गया था मतलब सिर धड़ से जुड़ा करना. जिसका लाइव वीडियो बनाकर वहां से निकलकर अजमेर पहुंचना था और फिर चादर चढ़ाकर कबूलनामे का वीडियो बनाना था.

वीडियो वायरल होने से नहीं दे पाए अंजाम
हालांकि कन्हैया लाल की हत्या करने के दौरान वो पूरी तरह से वीडियो नहीं बना पाए और जल्दबाजी में अपनी 2611 मोटरसाइकिल पर बैठकर फ़रार हो गए. अजमेर जाते वक्त जब दोनों सपेटिया स्थित एस के इंजीनियरिंग वर्क शॉप के पास से गुजर रहे थे तो उन्होंने देखा कि फैक्ट्री के मालिक शोहेब की गाड़ी ऑफिस के बाहर नहीं खड़ी है और ऑफिस खुला हुआ है तो दोनों ने ऑफिस में जाकर कबूलनामे का वीडियो बनाया. इस दौरान वो लगातार मोहसिन और आसिफ से फोन के जरिये संपर्क करते रहे. लेकिन मोहसीन और आसिफ से उनको नितिन जैन और पनेरिया की हत्या का अपडेट नहीं मिला. अपनी कामयाबी का वीडियो और कबूलनामे का वीडियो इन्होंने अपने वॉट्सएप ग्रुप में डाल दिया, जिसके थोड़ी देर बाद ग्रुप में हंगामा मच गया.

इस हरकत के बाद कई लोगों ने पकड़े जाने के डर की वजह से ग्रुप छोड़ दिया. उसी दौरान गोस (Gos Mohammed) के पास पाकिस्तानी (Pakistan) आका का वाट्सएप्प कॉल आया. उसने गोस से नाराज़गी जताई कि इतनी जल्दी वीडियो बनाकर ग्रुप में डालने की क्या ज़रूरत थी. ये काम अजमेर पहुंचकर करना था. दोनों को फौरन हर हाल में अजमेर पहुंचने को बोला गया. दोनों बिना वक़्त गवाए अजमेर के लिए निकल गए. उसी दौरान रास्ते से रियाज ने अम्बेरी इलाके में वेल्डिंग की दुकान चलाने वाले अपने जानकार अमजद को फोन किया और दुकान पर आने को बोला. दोनों वहां पहुंचे और उसकी दुकान के अंदर अपने खून से सने कपड़े बदले.

अजमेर जाकर बनाना था कबूलनामे का वीडियो
उसी दौरान रियाज ने अमजद से कहकर किसी के जरिये बाइक में 600 रुपए का पैट्रोल डलवाने को कहा. अमज़द ने अपने यहां काम करने वाले एक लड़के को पास के ही पेट्रोल पंप पर पैट्रोल डलवाने भेज दिया. करीब 4 बजकर 15 मिनट पर दोनों अजमेर के लिए निकल गए. लेकिन तबतक कन्हैया की हत्या करने और कबूलनामे का वीडियो वायरल हो चुका था. दोनों के पास कई फोन आए जिसकी वजह से दोनों ने अपने फोन से वीडियो और तमाम चैट डिलीट कर दी थी. लेकिन पुलिस को उनकी बाइक का नम्बर मिल चुका था. शुरुआत में पुलिस दोनों हत्यारों की धड़पकड़ के लिए उदयपुर के शहरी इलाके में ही नाकेबंदी कर रही थी. लेकिन जब वहां कामयाबी नहीं मिली तो आसपास के जिलों में भी वायरलेस मैसेज दिया गया.