- हरियाणा की सियासत में भूचाल; कांग्रेस में नहीं थम रही गुटबाजी, किरण चौधरी ने लगाया बड़ा आरोप - May 20, 2024
- मध्यप्रदेश के लिए बड़ी खुशखबरी: भोपाल से शाजापुर तक दौड़ेगी वंदे भारत मेट्रो ट्रेन, जानें कैसे बुक होगा टिकट - May 20, 2024
- MP Weather: मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी से राहत नहीं, अगले 5 दिनों के लिए लू का अलर्ट - May 20, 2024
भोपाल. ज्यादा दिन नहीं हुए हैं जब मध्य प्रदेश में पहले बागेश्वर धाम वाले बाबा और फिर पंडित प्रदीप मिश्रा लगातार मीडिया व सोशल मीडिया की सुर्खियों में रहे. बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री तो इन दिनों भी बिहार में होने वाले अपने कार्यक्रम को लेकर चर्चा में बने हुए हैं. चूंकि मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं, लिहाजा राजनीतिक तौर पर एक बार फिर से कथावाचकों और बाबाओं का बोलबाला नजर आने लगा है.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के नेता बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, पंडोखर सरकार और पंडित प्रदीप मिश्रा जैसे कथावाचकों की शरण में हैं. एक दर्जन से ज्यादा मंत्री और नेता अपने क्षेत्रों में इन संतों की कथा का आयोजन करवा चुके हैं. टिकट पाने के लिए भी राजनीतिज्ञ धार्मिक दरबारों में हाजिरी लगाते हैं. मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में तकरीबन 5 महीने का वक्त है. जैसे-जैसे चुनाव करीब आएंगे, इनकी डिमांड और बढ़ेगी. मप्र की पॉलिटिक्स में कथा वाचकों का खास रोल रहा है. चुनावों के मौसम में जानिए राजनीतिज्ञों की रुचि वाले इन कथावाचक और बाबाओं के बारे में.
कंप्यूटर बाबा (गोम्मट गिरी, इंदौर)
कंप्यूटर बाबा का असली नाम नामदेव त्यागी बताया जाता है लेकिन इस नाम के पहले भी उनका एक नाम रहा है- नरेंद्र पटेल. पारिवारिक विवाद के चलते वह जबलपुर छोड़ इलाहाबाद पहुंचे नरेंद्र ने संत-महात्माओं से नजदीकियां बढ़ाईं औ महामंडलेश्वर जैसी पदवी भी हासिल कर ली. वहीं से नाम मिला नामदेव त्यागी. इसके बाद बाबा ने उज्जैन-इंदौर को अपना कार्य क्षेत्र चुना. यहां से बाबा ने राजनीतिक संपर्क बढ़ाया. 1998 में कंप्यूटर युग की शुरुआत हो रही थी तब वरिष्ठ साधु-संतों ने नामदेव दास की त्वरित कार्यशैली को देखते हुए इनका नाम कंप्यूटर बाबा रखा. कंप्यूटर बाबा ने 2014 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया था लेकिन चुनाव नहीं लड़े. शिवराज सिंह सरकार ने चार और बाबाओं को राज्य मंत्री का दर्जा दिया उनमें से एक कंप्यूटर बाबा और उसका एक शिष्य भी था. कांग्रेस सरकार आने पर बाबा को नर्मदा-ताप्ती-मंदाकिनी न्यास का अध्यक्ष पद से नवाजा गया. लोकसभा चुनाव के दौरान भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के लिए बाबा ने भोपाल में रोड शो किया. प्रदेश में पुन: भाजपा सरकार आने पर इंदौर के गोम्मट गिरी स्थित उनके आश्रम पर बुलडोजर चल गया. बाबा को जेल हुई इसके बाद से बाबा खामोश होकर इलाहबाद की ओर निकल गए थे.
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्वर धाम, छतरपुर)
पंडित धीरेंद्र शास्त्री मप्र के छतरपुर जिले में स्थित हनुमानजी के प्रसिद्ध बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर हैं. अपने बयानों के कारण सुर्खियों में आए पं. धीरेंद्र शास्त्री नागपुर की एक संस्था द्वारा दिए चैलेंज को स्वीकार नहीं करने के बाद मीडिया ज्यादा चर्चित हुए. शास्त्री अपने दरबार में श्रद्धालुओं की भीड़ से किसी को बुलाकर उसकी परेशानियां और निदान बताते हैं. उनके दरबार में भाजपा, कांग्रेस सकेत अन्य दलों के राजनेता पहुंचते हैं. बागेश्वर धाम में प्रतिनिदन दो से तीन लाख भक्त पहुंचते हैं. मंगलवार को यह संख्या 5 लाख के करीब हो जाती है. बुंदेलखंड में बाबा की खासी लोकप्रियता के चलते सियासतदार वहां बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. बागेश्वर धाम में मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, मप्र के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, दिल्ली के भाजपा नेता मनोज तिवारी, बाबा रामदेव समेत कई हस्तियां पहुंच चुकी हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य भाजपा नेता भोपाल में आयोजित उनके कार्यक्रम में शामिल हुए.