छत्तीसगढ़ में पहली बार हो रहा ऐसा, चुनावी मैदान में किन्नर; 2014 में भी रचा था इतिहास

This is happening for the first time in Chhattisgarh, eunuchs in the election field; History was created in 2014 also
This is happening for the first time in Chhattisgarh, eunuchs in the election field; History was created in 2014 also
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Who is Madhu Bai Kinnar: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ विधानसभा सीट पर वैसे तो सीधा मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है. लेकिन, इस चुनाव में पहली बार एक किन्नर उम्मीदवार की एंट्री ने यहां के चुनाव को दिलचस्प बना दिया है. छत्तीसगढ़ के राजनीतिक इतिहास में पहली बार किसी विधानसभा सीट से एक किन्नर उम्मीदवार चुनावी मैदान में है. मधु बाई नाम के इस किन्नर उम्मीदवार को जोगी कांग्रेस ने रायगढ़ सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. मधु किन्नर अपनी पूरी टीम के साथ चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं. गाने बजाने और डांस के साथ चुनाव प्रचार का ये तरीका भी बाकी पार्टियों के चुनाव प्रचार से अलग हटकर है. मधु बाई का दावा है कि रायगढ़ की जनता उनको एक मौका जरूर देगी.

2014 में चुनाव जीत बन चुकी हैं मेयर
वैसे मधु बाई ये कोई पहला चुनाव नही लड़ रही हैं. 2014 में मधु बाई रायगढ़ से मेयर का चुनाव जीतकर, छत्तीसगढ़ की पहली किन्नर मेयर बनने का खिताब अपने नाम लिखवा चुकी हैं. मधु बाई के प्रचार के लिए छत्तीसगढ़ के भिलाई से आई किन्नर तो इस चुनाव से कुछ ज्यादा ही उम्मीद लगाए बैठी है. हालांकि, मधु बाई के चुनाव लड़ने को लेकर यहां के लोगों की अपनी अपनी राय है.

चुनौती नहीं मानते बीजेपी-कांग्रेस नेता
मधु बाई के सामने कांग्रेस के निवर्तमान विधायक प्रकाश नायक चुनावी मैदान में हैं, जो की मधु किन्नर को कोई चुनौती नहीं मानते हैं. रायगढ़ से ही बीजेपी ने पूर्व में कलेक्टर रहे ओपी चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा है. ओपी चौधरी छत्तीसगढ़ में बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से भी एक हैं. लेकिन, ओपी मधु किन्नर को लेकर किसी भी तरह का कटाक्ष करने से बचते नजर आए.

पहली बार किसी ने किन्नर को बनाया उम्मीदवार
छत्तीसगढ़ की राजनीति में ये पहला मौका है जब किसी भी राजनितिक दल ने किन्नर को अपना उम्मीदवार बनाया है. लेकिन, देश की राजनीति में बात करें तो साल 2000 में मध्यप्रदेश के सोहागपुर विधानसभा सीट से शबनम मौसी उपचुनाव जीतकर देश की पहली किन्नर विधायक बनी थीं. देश में शायद ये दूसरा मौका है, जब कोई किन्नर विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहा है.