हिमाचल में हजारों पुलिसकर्मी नाराज, बोले- CM की घोषणा का हमें कोई लाभ नहीं, ये है बड़ी वजह

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में साल 2015 और उसके बाद भर्ती हुए पुलिस कॉन्सटेबलों (Police Constable) के पे बैंड (Pay Band) को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) ने 25 जनवरी को बड़ी घोषणा (Announcement) की थी. अब 2018 और इसके बाद भर्ती हुए करीब 3500 पुलिसकर्मियों (3500 Policeman) ने इस घोषणा पर रोष जताया है.

सीएम ने जो घोषणा की थी उसके अनुसार वर्ष 2015 के बाद भर्ती हुए पुलिस कांस्टेबल अन्य श्रेणियों के कर्मचारियों की तर्ज पर उच्च वेतनमान के लिए पात्र होंगे. अन्य नियमित कर्मचारियों के लिए लागू नियमों के तहत ही कांस्टेबलों को लाभ दिया जाएगा.

इस पर इन पुलिसकर्मियों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने 25 जनवरी को जो घोषणा की थी, उसके अनुसार जो पुलिस कॉन्स्टेबल 2015 के बाद भर्ती हुए हैं उनका पे बैंड 8 वर्ष से 5 और 4 वर्ष किया जाएगा. इसमें 2015 और 2016 को लेकर ही स्पष्ट था कि उनको 5 साल बाद और जो 2019-20 में भर्ती हुए उन्हें 4 साल बाद लाभ दिए जाएंगे.

काॅन्टेबल भर्ती 2018 की स्थिति स्पष्ट की जाए

पुलिस कर्मियों का कहना है कि 2018 के भर्ती कॉन्स्टेबल के लिए कोई भी स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है. अब अगर उन्हें 5 वर्ष बाद ये लाभ दिए जाते हैं तो उन्हें किस तरह का लाभ मिलेगा, दूसरी तरफ अगर 2016 के बाद भर्ती जवानों को 5910+1900 के हिसाब से पे फिक्स होती है तो वे 2016 के जवानों से लगभग 8000 रुपये पीछे रह जाएंगे. इसी तरह अगर 2018 वाले जवानों को 5 साल बाद ये लाभ दिए जाएंगे तो एक वर्ष बाद ये इनसे 12000 रुपये तक पीछे हो जाएंगे और इसी प्रकार हर साल ये अंतर बढ़ता ही जाएगा.

विसंगतियों को दूर किया जाए

साल 2018 से 2020 तक भर्ती पुलिस कॉन्सटेबलों का प्रश्न है कि पुलिस पे बैंड में जो विसंगतियां थीं, क्या वे सच में दूर हो गई हैं? अगर दूर की गई हैं तो सरकार स्पष्ट करे कि 2018 से 2020 तक भर्ती जवानों के साथ किस तरह का न्याय हुआ. इनका कहना है कि सही मायनों में अब भी विसंगतियां है. इनका कहना है कि 25 जनवरी की घोषणा से लगभग 2 हजार पुलिस कॉन्सटेबलों को फायदा होगा, बाकि करीब 3500 लाभ से वंचित रह जाएंगे, इस वक्त अगर ये विसंगति दूर नहीं की तो ये सेवानिवृति तक ऐसी ही रहेगी.