सावन का पवित्र महीना चल रहा है. जबकि आज सावन के पवित्र महीने का दूसरा सोमवार है. आज सुबह से ही शिवभक्त देवाधिदेव महादेव और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए विशेष प्रकार से पूजा उपासना कर रहे हैं. इसके अलावा जहां एक तरफ शिवभक्त भगवान शिव के शिवलिंग पर जलाभिषेक कर रहे हैं. वहीं, सावन के दूसरे सोमवार को व्रत भी रख रहे हैं . अयोध्या के विद्वान पवन दास शास्त्री की मानें तो विवाहित महिलाएं सुख सौभाग्य और पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए सावन सोमवार का व्रत रखती हैं. वहीं, अविवाहित महिलाएं अपने विवाह के लिए सावन का सोमवार व्रत रखती है. यही नहीं, सावन सोमवार का व्रत स्त्री और पुरुष दोनों लोग रहते हैं. सावन सोमवार व्रत के दिन दान करने का भी विधान है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक, दान किया जाए तो कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त होता है. देवाधिदेव महादेव प्रसन्न होते हैं.
सावन का पवित्र महीना बहुत महत्वपूर्ण
पवन दास शास्त्री बताते हैं कि सावन माह का दूसरा सोमवार आज है. आज के दिन सनातन धर्म को मानने वाले लोग शिव मंदिर में जाकर भगवान भोलेनाथ पर जलाभिषेक कर रहे हैं. दूसरी तरफ सावन के सोमवार का व्रत रख रहे हैं. सावन का पवित्र महीना बहुत महत्वपूर्ण होता है. इस महीने अगर दान पूर्ण किया जाए तो जीवन में आई तमाम बाधाएं समाप्त होती हैं. ऐसे में खासकर अगर सावन के सोमवार को दान दिया जाए तो समस्त परेशानिया कुंडली में ग्रहों का प्रभाव समाप्त होता है.
सावन सोमवार करें इन चीजों का दान
>>सावन के दूसरे सोमवार को आश्रम ध्यान करने के बाद गंगा जल से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए. इसके अलावा कच्चे दूध का दान करना चाहिए. ऐसा करने से कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है. वहीं, गरीब असहाय लोगों को चावल चीनी नमक दान करना चाहिए .
>>सावन के दूसरे सोमवार को जल में तिल मिलाकर महादेव का अभिषेक करना चाहिए. इसके अलावा काले तिल और कंबल का दान करना चाहिए. ऐसा करने से शनि की बाधा से मुक्ति मिलती है .
>>अगर आप आर्थिक तंगी से परेशान हैं, तो आपको सावन के दूसरे सोमवार को झाड़ू का दान करना चाहिए. ऐसा करने से भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्न होते हैं और धन की देवी मां लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं. उनकी कृपा से व्यक्ति के आए और सौभाग्य में वृद्धि होती है .
>>सावन के दूसरे सोमवार को चूड़ियां दान करनी चाहिए. अगर आप सूर्या दान करते हैं, तो इससे सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है. माता पार्वती प्रसन्न होती हैं.