ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अब तक क्या-क्या हुआ, जानिए 1-1 डिटेल विस्तार से

What happened in the Gyanvapi Masjid case so far, know 1-1 detail in detail
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लखनऊ। वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का काम पूरा हो गया है. सर्वे के शुरू होने से लेकर खत्म होने तक कई विवाद सामने आए. शुरुआत सर्वे को लेकर विवाद से हुआ. फिर कोर्ट कमिश्नर पर सवालिया निशान लगे. मस्जिद के हिस्से के सर्वे पर सवाल उठा. कोर्ट ने फिर से जब आदेश दिया तो अब सर्वे के दौरान किए जा रहे दावों पर विवाद हो गया है.

अब उन दावे को मीडिया के सामने रखने पर विवाद है. अब दोनों पक्ष आमने सामने हो गए, नेताओं ने इस मुद्दे को लपकने में देर नहीं की है. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी के बयान सामने आ चुके हैं. केशव ने कहा, सत्य को आप कितना भी छुपा लीजिए, लेकिन एक दिन सामने आ ही जाता है. इस पर ओवैसी ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद थी और कयामत तक रहेगी… इंशाअल्लाह.

12.8 फीट व्यास के शिवलिंग मिलने का दावा!

दरअसल तीसरे दिन का सर्वे पूरा होने के बाद हिंदू पक्ष के वकील ने दावा किया कि नंदी की मूर्ति के ठीक सामने मिले शिवलिंग का व्यास 12 फीट 8 इंच है. इसकी गहराई भी काफी है. बाबा के मिलने की बात करते-करते याचिकाकर्ता लक्ष्मी देवी के पति सोहनलाल भावुक हो उठे. मानों उन्हें इसी दिन का इंतजार था.

हिंदू पक्ष का दावा, कोर्ट कमिश्नर-जिला प्रशासन खामोश

विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने की बात जंगल में आग की तरह फैली तो प्रशासन खामोश हो गया. फिजाओं में उमंग भी था तरंग भी, लेकिन एक टेंशन भी कि संप्रदायिक सौहार्द कहीं बिगड़ ना जाए. हिंदू पक्ष के वकील ने तो उस ऑर्डर की कॉपी भी दिखाई, जिसमें कोर्ट ने शिवलिंग को संरक्षित करने और प्रांगण को सुरक्षित देने का आदेश दिया.

इसके बाद प्रशासन चौकन्ना हो गया. डीएम कौशल राज शर्मा भी सामने आए और कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र भी, दोनों ने शिवलिंग मिलने के दावे पर चुप्पी साध ली. मुस्लिम पक्ष ने सिरे से हिंदू पक्ष के दावे को खारिज कर दिया. 17 मई यानि कल सर्वे टीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.

आइए जानते हैं कि इस सर्वे के दौरान कब-कब क्या हुआ-

17 अगस्त 2021: राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास, सीता साहू और रेखा पाठक ने अदालत में याचिका दायर की थी और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी का उन्हें नियमित दर्शन पूजन की अनुमति मांगी थी.

8 अप्रैल 2022: पांच हिंदू महिलाओं ने श्रृंगार गौरी की पूजा करने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी. इस पर सिविल जज सीनियर डिविजन ने वकील अजय कुमार मिश्र को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया.

15 अप्रैल 2022: कोर्ट कमिश्नर ने 19 अप्रैल को सर्वे करने के लिए सभी पक्षकारों को अवगत कराया.

18 अप्रैल 2022: जिला प्रशासन की ओर से डीजीसी ने कमीशन की कार्यवाही के खिलाफ आपत्ति दी और सर्वे के संबंध में जानकारी मांगी.

19 अप्रैल 2022: अंजुमन इंतजामिया मसजिद कमेटी ने हाई कोर्ट में अर्जी देकर कमीशन की कार्यवाही रोकने की मांग की.

20 अप्रैल 2022: जिला प्रशासन की ओर से दाखिल अर्जी पर अदालत में दोनों पक्षों की सुनवाई हुई. अगली सुनवाई 26 अप्रैल तय की गई.

20 अप्रैल 2022: हाई कोर्ट ने कमीशन की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज की.

26 अप्रैल 2022: अदालत ने कोर्ट कमिश्नर को कमीशन की कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया.

28 अप्रैल 2022: कोर्ट कमिश्नर ने सभी पक्षकारों को एक पत्र भेजकर 6 मई से कमीशन की कार्यवाही शुरू करने की जानकारी दी.

6 मई 2022: कोर्ट कमिश्नर ने दोपहर 3 बजे से ढाई घंटे तक कमीशन की कार्यवाही पूरी की. इस दौरान मस्जिद में प्रवेश को लेकर हंगामा हुआ और कार्यवाही रूक गई.

7 मई 2022: कोर्ट कमिश्नर के सर्वे की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए प्रतिवादी (मुस्लिम पक्ष) ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की.

8 मई 2022: वादिनी महिलाओं में दिल्ली की राखी सिंह के पैरोकार जितेंद्र ने मुकदमे से अपना नाम वापस लेने का ऐलान किया.

9 मई 2022: कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना. इस दौरान राखी सिंह के पैरोकार जितेंद्र ने नाम वापस लेने से इनकार कर दिया.

10 मई 2022: कोर्ट में करीब पौने दो घंटे बहस हुई और राखी सिंह के वकील ने हाई कोर्ट के आदेश की प्रति सौंपते हुए प्रतिवादी (मुस्लिम पक्ष) की मांग खारिज करने की अपील की. प्रतिवादी ने वादी की अर्जी पर आपत्ति दाखिल की.

11 मई 2022: सभी पक्षकारों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

12 मई 2022: कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने 17 मई से पहले दोबारा सर्वे का आदेश दिया और कोर्ट कमिश्नर को बदलने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने आदेश दिया था कि मस्जिद समेत पूरे परिसर का सर्वे होगा. कोर्ट कमिश्नर की कार्यवाही जारी रहेगी. कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्र को नहीं बदला जाएगा. विशाल सिंह को विशेष कमिश्नर बनाया गया, जो पूरी टीम का नेतृत्व करेंगे. उनके साथ अजय प्रताप सिंह को भी शामिल किया गया.

13 मई 2022: कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने सर्वे की तारीख का ऐलान किया. कोर्ट कमिश्नर ने तय किया कि 14, 15 और 16 मई को सर्वे का काम होगा. सभी पक्षकारों को जानकारी दे दी गई.

14 मई 2022: कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र की अगुवाई में पहले दिन सर्वे हुआ. पहले दिन सुबह 8 बजे से 12 बजे तक सर्वे हुआ. राउंड-1 में सभी 4 तहखानों के ताले खुलवा कर का सर्वे किया गया.

15 मई 2022: दूसरे राउंड का सर्वे हुआ. दूसरे दिन भी चार घंटे सर्वे का काम चला, लेकिन कागजी कार्रवाई के कारण सर्वे टीम डेढ़ घंटे देर से बाहर निकली. राउंड -2 में गुंबदों, नमाज स्थल, वजू स्थल के साथ-साथ पश्चिमी दीवारों की वीडियोग्राफी हुई. मुस्लिम पक्ष ने चौथा ताला खोला. साढ़े तीन फीट के दरवाजे से होकर गुंबद तक का सर्वे हुआ.

16 मई 2022: तीसरे दिन 2 घंटे में सर्वे का काम पूरा कर लिया गया. इस दौरान हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने का दावा किया. इस दावे के बाद कोर्ट ने शिवलिंग वाली जगह को सील करने का आदेश दिया. कोर्ट के आदेश पर डीएम ने वजु पर पाबंदी लगा दी और अब ज्ञानवापी में सिर्फ 20 लोग ही नमाज पढ़ पाएंगे.

कोर्ट के आदेश की अवहेलना?

कोर्ट ने सर्वे का फैसला सुनाते आदेश दिया था कि कमीशन की कार्यवाही सीलबंद कोर्ट में पेश की जाएगी और इसकी जानकारी कोई साझा नहीं करेगा, लेकिन पहले दिन के बाद से ही कमीशन की कार्यवाही से जुड़ी जानकारी लीक हो रही थी. आखिरी दिन तो हिंदू पक्ष की ओर से मीडिया में खुले तौर पर शिवलिंग की बात कही गई.

हालांकि हिंदू पक्ष से कुछ लोग इशारों-इशारों में शिवलिंग की बात करते रहे. जैसे सोहनलाल आर्य ने मीडिया से कहा कि आज बाबा मिल गए. खैर जानकारी लीक होने के सवाल वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा ने साफतौर पर कहा कि यह किसी की निजी राय हो सकती है, जो भी सबूत मिले हैं, वह कोर्ट में पेश किए जाएंगे और कोर्ट ही उस पर फैसला करेगा.