कौन था किम का ‘कटप्पा’? जिसकी मौत पर फूट-फूटकर रोया! कब्र पर झुका और शोक में डूब गया

Who was Kim's 'Katappa'? Whose death wept bitterly! bent over the grave and drowned in grief
Who was Kim's 'Katappa'? Whose death wept bitterly! bent over the grave and drowned in grief
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Kim Jong Un Mourns: जब कोई बेहद करीबी और खास दुनिया को छोड़ कर चला जाता है तो उसके गम में आम आदमी हो या तानाशाह लाचार और बेबस नजर आता है. उसे संभालने की जरूरत पड़ती है. यही हुआ उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के साथ. क्योंकि तीन पीढ़ियों से नॉर्थ कोरिया के राजवंश के सलाहकार रहे किम जोंग उन के ‘कटप्पा’ की 94 साल की उम्र में मौत हो गई. इसी के साथ पूरा उत्तर कोरिया शोक में डूब गया.

उत्तर कोरिया की स्थापना के बाद से ही वहां की सत्ता पर काबिज राजवंश का शासक किम जोंग को पूर्व प्रोपेगेंडा प्रमुख के ताबूत पर घुटने टेकते देखा गया. नॉर्थ कोरिया के इतिहास में ये पहला मौका था जब किम जोंग उन के शोक मनाने की तस्वीरें सामने आईं जिन्हें देख दुनिया हैरान रह गई.

क्यों जार-जार रोया किम जोंग उन?
पूरा नॉर्थ कोरिया इस समय शोक मना रहा है. मुल्क का झंडा आधा झुका है. ऐसा इसलिए क्योंकि किम खानदान के सबसे पुराने सेनापति की मौत हो गई है. जिसका नाम है ‘किम की नाम’ (Kim Ki Nam) उसे श्रद्धांजलि देने के लिए खुद किम जोंग अपने अधिकारियों के साथ कब्रिस्तान पहुंचा.

ऐसी थी किम की हालत
सर झुकाकर किम ने अपने सेनापति को अलविदा कहा. उसने आगे बढ़कर ताबूत को करीब से देखा और छुआ. तानाशाह किम अपनी भावनाओं को बयां नहीं कर पा रहा था. वो लाचार सा दिख रहा था. उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर का ऐसा हाल पहले कभी भी नहीं हुआ था. उसके सबसे खासमखास सलाहकार के अंतिम संस्कार की तैयारियों के दौरान लोगों की धक्का-मुक्की से हालात बिगड़े. जब किम जोंग अपने गुरु को आखिरी विदाई देने गया तो उसे कंट्रोल करना मुश्किल हो गया था.

कौन था किम का ‘कटप्पा’?
किम के बूढ़े सेनापति की मौत 94 साल की उम्र में मल्टी ऑर्गन फेल्योर (Multi Organ Failure) से हुई. साल 2011 में जब किम जोंग के पिता की मौत हुई थी तब वक्त ये सेनापति किम जोंग के साथ मौजूद उन 7 लोगों में एक था. जो राजवंश के साथ खड़ा था. इस ‘कटप्पा’ ने किम खानदान की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया था. इससे पहले वो किम जोंग के पिता और दादा के साथ भी शासन में मदद कर चुका है.

हालांकि इस शख्स का काम किम खानदान के बारे में प्रोपगेंडा फैलाना था. जिसमें वो पूरी तरह कामयाब रहा. दरअसल किम जोंग के साथ कम ही लोग ऐसे हुए हैं जो लंबे समय तक उसके साथ टिके रहे. क्योंकि जरा सा भी शक होने पर किम जोंग अपने करीबी अधिकारियों तक को मरवा देता है. ऐसे में किम का दुखी होकर उसके ताबूत को सलामी देना और मातम मनाना लोगों को हैरान कर रहा है.

शोक में डूबा नॉर्थ कोरिया
उसके निधन की खबर मिलते ही देश की जनता भी फूट-फूट कर रोने लगी और उन्हें संभालना उत्तर-कोरिया की सेना के लिए बड़ी चुनौती बन गया था. कुछ इस तरह किम अपने पुराने लीडर से आखिरी बार मिला और उन्हें विदा करने के दौरान बेबस नजर आया.