सचिन पायलट को बीजेपी राजस्थान में इतना भाव क्यों दे रही है?

Why is BJP paying so much to Sachin Pilot in Rajasthan?
Why is BJP paying so much to Sachin Pilot in Rajasthan?
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जयपुर। राजस्थान की राजनीति में सचिन पायलट बड़े किरदार के रूप में उभरे रहे हैं। बीजेपी के नेता सचिन पायलट का जिक्र करने से नहीं भूलते हैं। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया के बाद अब उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सचिन पायलट के मुरीद हो गए है। राजेंद्र राठौड़ ने कहा- दूसरों पर तोहमत लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांकर देखों, आखिर हूजुर यह हालत कैसी बनी। दूसरों की पकी हुई फसल को काटकर अगर अपने खेत पर ले जाओगे तो परिणाम ऐसे ही निकलेंगे। राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि 2018 के चुनावों में कांग्रेस को सफलता सचिन पायलट की वजह से मिली थी। पायलट के कुशल नेतृत्व की वजह से ही कांग्रेस 21 सीट से 99 सीटों पर पहुंच गई। राठौड़ से पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने सचिन पायलट की तारीफ कर चुके हैं। कटारिया ने कहा था- सचिन पायलट ने मरी हुई पार्टी को जिंदा कर दिया। गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- सचिन पायलट जी से चूक हो गई। राजस्थान में मध्यप्रदेश जैसे हालात नहीं हो पाए।

पायलट की तारीफ के मायने

जानकारों का मानना है कि बीजेपी नेता सचिन पायलट की तारीफ कर कांग्रेस की गुटबाजी को हवा देना चाहते हैं। कांग्रेस की आपसी फूट का लाभ मिल सके। सचिन पायलट की तारीफ करने पीछे बीजेपी नेताओं का असली एजेंड़ा कांग्रेस में गुटबाजी को हवा देना है। राजस्थान के बीजेपी नेता सचिन पायलट की तारीफ रणनीति के तहत कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि फूट डालो और फिर सरकार गिराओं। यह बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है। राजस्थान में बीजेपी नेत पायलट की तारीफ कर सचिन पायलट को बगावत के उकसा रहे हैं। इसलिए बार-बार सचिन पायलट की तारीफ करने से नहीं थकते हैं। राजस्थान में गहलोत और पायलट की अदावत जगजाहिर है। सचिन पायलट वर्ष 2020 में बगावत कर चुके हैं। बीजेपी नेता चाहते हैं कि विधानसभा चुनाव 2023 से पहले कांग्रेस में बड़ी टूट हो और बीजेपी को उसका सियासी लाभ मिल सके। सचिन पायलट की तारीफ करने के पीछे बीजेपी नेताओं की रणनीति यही है।

पायलट कर रहे हैं बीजेपी से परहेज

हालांकि, सचिन पायलट अपनी तारीफों के बीच बीजेपी पर लगातार हमलावर है। सचिन पायलट कह चुके हैं कि उनका मकसद राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को रिपीट करना है। सचिन पायलट उन कार्यक्रमों में भी जाने से परहेज करते हैं। जहां बीजेपी के बड़े मौजूद रहते हैं। सचिन पायलट सोमवार को पुष्कर में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम से दूरी बना ली। क्योंकि कार्यक्रम में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की मौजूद थे। मतलब साफ है सचिन पायलट राजस्थान के बीजेपी नेताओं को भाव नहीं दे रहे हैं। सचिन पायलट से जुड़े नेताओं का कहना है कि पायलट बीजेपी के झांसे में नहीं आने वाले है। बीजेपी नेता भले ही पायलट पर डोरे डालने की कोशिश करें, पायलट गांधी परिवार के प्रति वफादार रहेंगे।