बिहार में ‘पप्पू फैक्टर’ करेगा बड़ा खेला? राजद और जदयू की उड़ा दी है नींद

Will 'Pappu Factor' play a big role in Bihar? RJD and JDU have lost their sleep
Will 'Pappu Factor' play a big role in Bihar? RJD and JDU have lost their sleep
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नई दिल्ली: पूर्णिया को बिहार के सीमांचल इलाके की राजधानी माना जाता रहा है। यहां की राजनीति भी पूर्णिया के नेताओं के इर्द-गिर्द घूमती रही है। पप्पू यादव ने आगामी लोकसभा चुनाव में पूर्णिया से स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोंकने का ऐलान किया है। इसके चलते इसकी गिनती हॉट सीटों में होने लगी है। मालूम हो कि पप्पू यादव हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्हें यह उम्मीद थी कि पूर्णिया लोकसभा सीट से पार्टी का टिकट मिल जाएगा। मगर, ऐसा नहीं हुआ। यह सीट आरजेडी के खाते में गई और उसने यहां से रुपौली की एमएलए बीमा भारती को मैदान में उतार दिया। वैसे तो भारती जेडीयू की विधायक हैं जो हाल ही में राजद में शामिल हुई हैं।

जदयू ने पूर्णिया लोकसभा सीट से दो बार सांसद रहे संतोष कुशवाहा पर फिर से भरोसा जताया है। हालांकि, पप्पू यादव ने RJD और JDU दोनों की ही नींद खराब कर दी है। पूर्णिया में ‘पप्पू फैक्टर’ बड़ा खेल कर सकता है। मालूम हो कि पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या करीब साढ़े 6 लाख है। यहां यादव वोटर्स डेढ़ लाख के करीब हैं। इस तरह ये दोनों मिलकर एक मजबूत MY समीकरण तैयार करते हैं। अगर कुशवाहा मतदाताओं की बात करें तो उनकी संख्या साढ़े 3 लाख के आसपास है। इसके अलावा 2.5 लाख वैश्व, 1.5 लाख ईबीसी और 1.5 लाख उच्च जाति से मतदाता हैं। इस तरह जाति समीकरणों के हिसाब से चुनावी लड़ाई बेहद दिलचस्प हो जाती है।

पप्पू यादव के समर्थक हर जाति में!
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पूर्णिया में इस बार संतोष कुशवाहा के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर नजर आ सकती है। हालांकि, उन्हें मोदी फैक्टर और राजद व पप्पू यादव के बीच वोटों के बंटवारे पर पूरा भरोसा है। यादवों और मुस्लिमों का वोट राजद और पप्पू के बीच बंट सकता है। बिहारीगंज गांव के रहने वाले अभिनीत सिंह पूर्णिया में स्पेयर पार्ट की दुकान चलाते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने 2019 में कुशवाह को वोट दिया था। मगर, चुनाव जीतने के बाद से कुशवाहा नजर ही नहीं आए। पप्पू यादव तो हर उस व्यक्ति की मदद करते हैं जो भी उनसे मिलने जाता है। उन्हें एक मौका दिया जाना चाहिए।’ इस तरह यह भी नजर आ रहा है कि यादव ही नहीं, बल्कि सभी जातियों में पप्पू के समर्थक मौजूद हैं। निश्चित तौर पर पप्पू फैक्टर पूर्णिया में निर्णायक भूमिका में है।