औरंगजेब के राज में तोड़े गए थे 1000 मंदिर, इन जगहों पर बनाई गई हैं मस्जिदें

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Temples Destroyed by Mughals: ज्ञानवापी मामला अब वाराणसी की जिला अदालत में है. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद मामले को वाराणसी जिला कोर्ट को भेज दिया था. वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में मुकदमे की सुनवाई करने या नहीं करने के मसले पर गुरुवार को संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अगली सुनवाई के लिए 30 मई की तारीख तय की है.

ज्ञानवापी मामले के बाद एक बार फिर मंदिर-मस्जिद को लेकर बहस छिड़ गई है. उन जगहों की बात होने लगी है, जहां औरंगजेब के राज में मंदिर तोड़कर मस्जिदें बनाई गईं. औरंगजेब ने भारत पर 1658 से 1707 तक राज किया. उसके शासन में भारत में 1000 हिंदू मंदिरों को तोड़ा गया. कई मंदिर ऐसे थे, जिन्हें तोड़कर वहां मस्जिद बनवाई गई.

काशी विश्वनाथ मंदिर: 1669 में औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़ने का आदेश दिया. मंदिर को ध्वस्त कर यहां ज्ञानवापी मस्जिद बनाई गई. मंदिर के अवशेष आज भी नींव, खंभों और मस्जिद के पीछे वाले हिस्से में देखे जा सकते हैं. आज मस्जिद से सटे जिस काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालु पूजा करते हैं, उस परिसर का निर्माण इंदौर की अहिल्या बाई होल्कर ने 1780 में कराया था. मासीर-ए-आलमगिरी के इस्लामी रिकॉर्ड में कहा गया है कि 9 अप्रैल, 1669 को औरंगजेब ने एक ‘फरमान’ जारी किया था, जिसमें सभी प्रांतों के गवर्नरों को हिंदुओं के स्कूलों और मंदिरों को ध्वस्त करने को कहा गया था.

केशवदेव मंदिर: औरंगजेब ने मथुरा के केशवदेव मंदिर को भी ध्वस्त करने का फरमान दिया था और उसकी जगह ईदगाह मस्जिद बनाई गई. औरंगजेब ने मंदिर से सारा धन भी लूट लिया. केशवदेव मंदिर को जनवरी 1670 में गिराया गया था. औरंगजेब की कार्रवाई राजनीतिक रूप से भी प्रेरित हो सकती है, क्योंकि जिस समय मंदिर को नष्ट किया गया था, उस समय उसे मथुरा क्षेत्र में बुंदेलों के साथ-साथ जाट विद्रोह के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ा था.

बिशेश्वर मंदिर: कहा जाता है कि बनारस की मस्जिद का निर्माण औरंगजेब ने बिशेश्वर मंदिर की जगह पर करवाया था. वह मंदिर हिंदुओं के बीच बेहद पवित्र था. इसी जगह पर उन्हीं पत्थरों से औरंगजेब ने एक ऊंची मस्जिद का निर्माण कराया. बनारस की दूसरी मस्जिद का निर्माण गंगा के तट पर तराशे हुए पत्थरों से कराया गया था. यह भारत की प्रसिद्ध मस्जिदों से एक है. इसमें 28 टावर हैं, जिनमें से हर एक 238 फीट लंबा है. यह गंगा के तट पर है और इसकी नींव पानी की गहराई तक फैली हुई है. औरंगजेब ने मथुरा में भी एक मस्जिद का निर्माण कराया था. कहा जाता है कि इस मस्जिद का निर्माण गोबिंद देव मंदिर की जगह पर किया गया था.

विजय मंदिर: बीजामंडल, जिसे विजयमंदिर मंदिर के नाम से जाना जाता है, विदिशा जिले के मुख्यालय में स्थित है. 11वीं शताब्दी में बने इस मंदिर को 1682 में नष्ट कर दिया गया था. इसके विध्वंस के बाद, मुगल सम्राट औरंगजेब ने इस जगह पर आलमगिरी मस्जिद का निर्माण कराया. इस मस्जिद को बनाने में नष्ट किए गए मंदिर की सामग्री का ही इस्तेमाल किया गया था.

गोलकोंडा (आंध्र प्रदेश): गोलकोंडा पर कब्जा करने पर औरंगजेब ने अब्दुर रहीम खान को हैदराबाद शहर का गवर्नर नियुक्त किया, जिसमें हिंदुओं की प्रथाओं, मंदिरों को नष्ट करने और उनकी साइटों पर मस्जिदों का निर्माण करने का आदेश दिया गया था.

सरहिंद (पंजाब): सरहिंद सरकार के एक छोटे से गांव में, एक सिख मंदिर को तोड़कर एक मस्जिद में बदल दिया गया था. इसके लिए एक इमाम को नियुक्त किया गया था, जिसे बाद में मार दिया गया.

सोमनाथ मंदिर: सोमनाथ मंदिर को दो बार औरंगजेब के शासन में तोड़ा गया. पहली बार मंदिर को 1665 में ध्वस्त किया गया. लेकिन औरंगजेब ने पाया कि हिंदू फिर भी वहां पूजा कर रहे थे. इसके बाद उसने सेना को लूट और नरसंहार करने के लिए भेजा. 1719 ई. में इनायतुल्ला ने औरंगजेब के पत्रों और आदेशों का कलेक्शन बनाया था. इसमें औरंगजेब के शासनकाल के 1699-1704 के वर्षों का जिक्र है

यहां भी बनाई गईं मस्जिदें
गोलकोंडा के पतन के बाद 200 मंदिरों की सामग्री से औरंगजेब ने मैसाराम मस्जिद का निर्माण कराया था.

1675 में हुबली में मंदिरों पर 17 मस्जिदें बनवाई गईं.

महाराष्ट्र के अमरावती जिले के रीतपुर में जामी मस्जिद ने घोषणा की कि मस्जिद को औरंगजेब ने एक हिंदू मंदिर की जगह पर बनाया था, जो समय बीतने के साथ उजाड़ हो गई थी. इसके बाद स्थानीय मुसलमानों की मदद से 1878 में इसका पुननिर्माण कराया गया.

औरंगजेब ने अयोध्या के हनुमान गढ़ी पर एक मस्जिद का निर्माण कराया था.

अयोध्या में औरंगजेब ने स्वर्गद्वीर मंदिर और ठाकुर मंदिर स्थल पर मस्जिदों का निर्माण कराया था.