जोधपुर। जोधपुर सिलेंडर ब्लास्ट हादसे में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है। पीड़ित परिवार को विशेष आर्थिक पैकेज देने की मांग को लेकर समाज के लोग 10 घंटे से धरने पर बैठे थे। कई दौर की वार्ता के बाद रविवार रात को धरना खत्म हो गया और प्रदर्शनकारी शव उठाने को तैयार हो गए।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार जोधपुर संभागीय आयुक्त कैलाशचंद मीणा के अनुसार वार्ता के दौरान प्रत्येक मृतक के परिवार को 17-17 लाख रुपये देने की बात पर सहमति बनी है। कैलाशचंद मीणा ने बताया कि 17 लाख रुपये की सहायता राशि में 2-2 लाख रुपये मुख्यमंत्री सहायता कोष, 2-2 लाख रुपये प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष, 2-2 लाख रुपए गैस कंपनी की ओर से और 6-6 लाख रुपये गैस कंपनी के इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत और 5-5 लाख रुपये मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के तहत दिए जाएंगे। इसके साथ ही पीड़ित परिवार के एक परिजन को आर्थिक नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया गया है।
सीएम गहलोत से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल
प्रदर्शनकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने अलवर भी जाएगा। वे सीएम गहलोत से घायलों को आर्थिक मदद देने और अपनी अन्य मांगों पर बातचीत करेंगे। वहीं रात को हुए समझौते के बाद प्रदर्शनकारियों ने मोर्चरी में रखे सभी 10 शवों को उठाने की सहमति दे दी। सोमवार को सभी शव भूंगरा पहुंचने पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बता दें कि आठ दिसंबर को जोधपुर के शेरगढ़ के भूंगरा गांव में बरात निकलने से पहले सिलेंडर ब्लास्ट हो गया। इस हादसे में 63 लोग घायल हो गए थे। जिसमें 51 लोगों को जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उसके बाद एक के बाद एक लोग दम तोड़ते चले गए। अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है। 11 लोग अभी भी जिंदगी मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।