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मुंबई: संयुक्त विपक्ष को लेकर नीतीश कुमार के फॉर्मूले पर कांग्रेस भी राजी होती नजर आ रही है। विपक्षी एकता की बात करते हुए कांग्रेस ने प्लान 450 पेश किया है। असल में साल 2024 में भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता की तैयारी जोरों पर है। इसको लेकर 12 जून को विपक्षी दलों की बैठक भी होने वाली है। इस बैठक से पहले पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो करीब 400 से 450 सीटों पर विपक्ष भाजपा के खिलाफ अपना संयुक्त उम्मीदवार उतार सकता है। चिदंबरम ने कहा कि सभी गैर-भाजपाई दलों को एक साथ लाने की तैयारी चल रही है। चिदंबरम देश के सामने उन प्रमुख मुद्दों को उजागर करने के कांग्रेस के अभियान के तहत मुंबई में थे, जिनसे मोदी सरकार नौ साल के शासनकाल में निपटने में विफल रही है।
विपक्षी एकता पर जोर
पूर्व गृहमंत्री आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की रणनीति के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। चिदंबरम ने कहा कहा हमारी पार्टी का मकसद सभी गैर भाजपाई दलों को एक साथ लाने का है। अगर ऐसा हुआ तो इस बात की पूरी संभावना है कि 400 से 450 सीटों पर भाजपा के खिलाफ विपक्ष का एक संयुक्त उम्मीदवार होगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल यह केवल सोच तक ही सीमित है। चिदंबरम ने कहा कि विपक्षी दल 12 जून को पटना में मिल रहे हैं। फिलहाल कार्य प्रगति पर है, लेकिन ऐसा होगा। उन्होंने कहा कि दिन बीतने के साथ विपक्ष को इस बात का एहसास होने लगा है कि भाजपा के खिलाफ एक संयुक्त विपक्ष बहुत जरूरी है। गौरतलब है कि हाल में जनता दल यूनाइटेड के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गैर-भाजपाई दलों को पटना में मीटिंग के लिए आमंत्रित किया था।
केंद्र सरकार पर बरसे
इस दौरान चिदंबरम ने भाजपा नीत केंद्र सरकार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि आज पड़ोसी देश चीन की आक्रामकता हमारे लिए सबसे बड़ा मुद्दा है। लेकिन इसको लेकर हमें संसद में चर्चा ही नहीं करने दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इससे पहले सभी युद्ध को लेकर सदन में चर्चा हुई है, लेकिन यह पहली बार है जब सुरक्षा के मसले पर बहस नहीं करने दी जा रही है। चिदंबरम ने जोर देते हुए कहा कि मोदी सरकार चीन को भारतीय सीमा में घुसने से रोकने में नाकाम रही है। पी चिदंबरम ने कर्नाटक में कांग्रेस जीत पर खुशी जताते हुए कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में इसे उदाहरण के तौर पर लिया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कर्नाटक मॉडल हर जगह अप्लाई नहीं हो सकता, क्योंकि हर राज्य में हालात पूरी तरह से अलग हैं। चिदंबरम ने कहा, बल्कि मैं इसे एक बेहतर उदाहरण कहूंगा। हम इसे मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और उन राज्यों में, जहां हम मजबूत हैं, दोहरा सकते हैं।
पहलवानों और मणिपुर पर भी बोले
इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के प्रदर्शन को लेकर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए था कि वह मंत्रियों का एक दल भेजता और बेहतर सॉल्यूशन की तलाश करता। लेकिन यह लोग इसे उसी तरह से नजरअंदाज कर रहे हैं, जैसे उन्होंने किसानों के प्रदर्शन को नजरअंदाज किया और बाद में तीन कानूनों को वापस लेना पड़ा। चिदंबरम ने कहा कि यह काफी चौंकाने वाला है। एक एमपी के लिए सरकार हमारे मेडल विजेताओं को प्रदर्शन पर मजबूर कर रही है और उनके खिलाफ ताकत का इस्तेमाल कर रही है। इसके अलावा चिदंबरम ने मणिपुर हिंसा मामले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर भी सवाल किया, जिसमें अभी तक 75 लोगों की जान जा चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कर्नाटक विधानसभा चुनाव का प्रचार कर रहे हैं। जापान की यात्रा कर रहे हैं, लेकिन वह मणिपुर नहीं जा रहे हैं। यहां तक कि आज भी उन्होंने मणिपुर के लिए दो शब्द तक नहीं कहे। चिदंबरम ने कहा कि मणिपुर में हालात बहुत मुश्किल हैं।