प्रतापगढ़। पिता की हत्या कराने वाले बेटे की करतूत पर किसी को यकीन ही नहीं हो रहा है। बताया जा रहा है कि वह गलत संगत में पड़कर गल्ले से चोरी भी करने लगा था। एक बार तो उसने पिता के खाते से तीन लाख रुपये अपने दोस्त के खाते में ट्रांसफर कर दिए और इस पैसे से महंगी बाइक खरीद ली।
पट्टी कोतवाली के चिकपट्टी के फर्नीचर कारोबारी मोहम्मद नईम की हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने बेटे को बाल सुधार गृह और तीन आरोपियों को जेल भेज दिया। वारदात में शामिल कल्लू माफिया डॉन स्वप्नदीप यादव व आकाश गुप्ता उर्फ बाबा पुलिस के हाथ नहीं लगे। घटना में शामिल सभी आरोपियों का अभी तक कोई आपराधिक इतिहास सामने नहीं आया।
पुलिस लाइन के सई कांप्लेक्स में पत्रकार वार्ता में अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी दुर्गेश सिंह ने बताया कि मृतक कारोबारी नईम के बाल अपचारी बेटे ने ही पिता की हत्या के लिए छह लाख रुपये में साथ पढ़ने वाले कुम्हिया पट्टी के अपने दोस्त शुभम सोनी व मेला ग्राउंड निवासी प्रियांशु उर्फ गोलू मिश्रा की मदद से कल्लू माफिया डॉन उर्फ स्वप्नदीप को सुपारी दी।
एडवांस दो किस्तों में एक लाख रुपये भी दिए। 50 हजार रुपये पहले ही असलहे के लिए दिए थे। पहले बेटा अपने साथियों के साथ खुद पिता की हत्या करना चाहता था, लेकिन बाद में इरादा बदल दिया।
गलत संगत में पड़कर करने लगा था चोरी
एएसपी के अनुसार पूछताछ में हत्यारोपी बेटे ने बताया कि वह गलत संगत में पड़कर कभी घर से कभी दुकान से जेवरात चोरी कर लिया करता था। जिससे उसका खर्च चलता था। खर्च बंद करने के बाद पिता उस पर दिनोंदिन पाबंदी लगाते जा रहे थे। जिससे उसे परेशानी हो रही थी। हत्या की साजिश में बेटे के साथ उसके पकड़े गए साथी प्रियांशु उर्फ गोलू मिश्रा, शुभम सोनी भी शामिल थे।
फर्नीचर कारोबारी को पट्टी कोतवाली के अंदेवरी निवासी कल्लू माफिया डॉन ने गोली मारी। घटना के समय बाइक कंधई निवासी चंदुआपट्टी निवासी आकाश गुप्ता उर्फ बाबा चला रहा था। पकड़ा गया कंधई के तरदहा निवासी पीयूष पाल भी घटना में शामिल था। पुलिस ने खून लगी उसकी जींस पैंट भी बरामद की।
मृतक के बेटे के दोस्त प्रियांशु, शुभम व कल्लू माफिया डॉन गिरोह के पीयूष पाल को जेल भेज दिया गया है। फरार शूटर स्वप्निल व आकाश की तलाश में दबिश दी जा रही है। घटना में शामिल सभी आरोपियों का अभी तक कोई आपराधिक इतिहास नहीं मिला है। आरोपी बाल अपचारी बेटे को किशोर न्यायालय पेश किया गया। जहां से उसे प्रयागराज बाल सुधार गृह भेज दिया गया।
जिस बेटे को बुढ़ापे की लाठी मानकर पाला पोसा। उसकी खुशी के लिए दिन रात एक न देखी। इकलौते बेटे की ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए वे अपनी खुशी भी कुर्बान कर देते थे। इकलौता बेटा जैसे-जैसे बड़ा होता गया। उसकी आदत बिगड़ती चली गई। दुकान पर बैठने के दौरान गल्ले से खर्च के नाम पर रुपये ले लेता रहा। उसकी दोस्ती गलत संगत के लोगों से पड़ गई। दोस्तों पर भी बेटा खूब रुपया खर्च करता था। एक दोस्त को तो पिता के खाते से ही तीन लाख रुपये भेजकर बाइक खरीदी थी।
बाइक संग दोस्तों की तस्वीर भी इंस्टाग्राम पर पोस्ट की थी। फर्नीचर कारोबारी की हत्या से गम व गुस्से में विरोध जताने वाले परिजनों संग व्यापारी उस समय स्तब्ध हो गए। जब पता चला कि बेटा ही अपने पिता के कत्ल के लिए छह लाख रुपये की सुपारी दी थी। इस बात की जानकारी होने के बाद हर कोई दंग रहा। शनिवार को मृतक के घर सन्नाटा पसरा रहा। कुरानख्वानी के बाद दुआ कराई गई। मृतक की पत्नी शमीम , बेटी सना के अलावा रिश्तेदार महिलाएं ही मौजूद थीं।
चेहरे नहीं थी सिकन, पिता की हत्या कराने का नहीं दिखा पछतावा
फर्नीचर कारोबारी नईम की सुपारी देकर हत्या कराने वाले बाल अपचारी बेटे के चेहरे पर कोई सिकन नहीं थी। न ही घटना पर कोई पछतावा ही नजर आया। पत्रकारों के सामने कुछ देर के लिए पट्टी कोतवाल ले भी आए। घटनाक्रम की जानकारी देने के दौरान रुपये लेनदेन के दौरान बातें इधर उधर घुमाने लगा। पिता की हत्या करने के सवाल पर बोला कि अधिक पाबंदी लगाने की वजह से नौबत यहां तक पहुंची। पुलिसकर्मी भी उसका बर्ताव देख हैरत में पड़े रहे।
दस लाख रुपये लेकर घर से था भागा, पिस्टल की शौक में कॉलेज से काटा गया था नाम
पुलिस के अनुसार फर्नीचर कारोबारी नईम का बेटा करीब दस माह पहले घर से दस लाख रुपये बैग में लेकर भागा था। घर पर एक पत्र छोड़ा था। जिसमे लिखा था कि अब वह बड़ा आदमी बनने के बाद ही घर लौटेगा। हालांकि दूसरे दिन वह घर वापस आ गया। सेंट जेवियर्स कॉलेज में कक्षा दस में पढ़ने के दौरान नईम के बेटे के बैग में शिक्षकों ने पिस्टल देखी थी। जिसके बाद अगली कक्षा में उसका प्रवेश नहीं लिया। उसके दो साथियों को भी बाहर का रास्ता दिखाया गया। जिसके बाद से ही नईम अपने बेटे पर अधिक निगाह रखने लगा था। उसे क्या मालूम था कि जिसके लिए वह सबकुछ बना रहा है। वही उसकी जान का दुश्मन बन जाएगा।
पुलिस ने बंद कमरे में कराया आरोपियों का मेडिकल
पट्टी पुलिस ने शनिवार को सभी आरोपियों को जीप से लेकर सीएचसी पहुंची। वहां भीड़ जुटती देख पुलिस ने कमरा बंद कराकर मेडिकल कराया। बाद में सभी को तेजी से जीप में बैठाकर घर ले जाया गया।