मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई रामलला की एक और मूर्ति, खूबसूरती देख दंग रह जाएंगे आप!

Sculptor Arun Yogiraj has created another statue of Ramlala, you will be stunned to see its beauty!
इस खबर को शेयर करें

नई दिल्ली। Ayodhya Ram Mandir: प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने अयोध्या में बने राम मंदिर में रामलला की मूर्ति बनाई है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, जिसमें पीएम मोदी समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई रामलला की मूर्ति ने लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया था। इतनी खूबसूरत मूर्ति को देखते ही लोगों की आंखें खुली-की-खुली रह गई थीं। अब एक बार फिर से अरुण ने रामलला की ही एक और मूर्ति बनाई है, जिसकी जमकर तारीफ हो रही।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अरुण योगीराज ने रामलला की नई मूर्ति की तस्वीरें शेयर की हैं। यह मूर्ति भी राम मंदिर में स्थापित रामलला की मूर्ति जैसी ही है, लेकिन उससे काफी छोटी है। ‘एक्स’ पर अरुण योगीराज ने पोस्ट किया, ”रामलला की मुख्य मूर्ति के चयन के बाद, मैंने अयोध्या में अपने खाली समय में एक और छोटी रामलला मूर्ति (पत्थर) बनाई।” योगीराज ने कुल तीन तस्वीरें शेयर की हैं। इसमें पहली तस्वीर में वह रामलला की मूर्ति को हाथ में लेकर खड़े हुए हैं, जबकि बाकी दोनों तस्वीरों में भी रामलला की मूर्ति की तस्वीरें हैं। रामलला की छोटी मूर्ति भी काफी खूबसूरत है।

योगीराज का यह पोस्ट काफी वायरल हो गया है। कुछ ही समय में इसे 12 हजार से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है, जबकि लगभग 88 हजार लोग पोस्ट देख चुके हैं। रामलला की इस तस्वीर को लोग काफी खूबसूरत बता रहे हैं। नवीन नामक यूजर ने लिखा है, ”काफी खूबसूरत, क्या मुझे एक मिल सकती है?” एक अन्य ने कॉमेंट किया, बहुत ही सुंदर, जय श्री राम। एक और यूजर ने लिखा कि छोटी रामलला की मूर्ति और भी ज्यादा खूबसूरत है।

बता दें कि राम मंदिर में लगी रामलला की मूर्ति को बनाने में अरुण योगीराज को कुल सात महीने का समय लगा था। इसके लिए राम मंदिर ट्रस्ट ने चार चीजें बताई थीं। इसमें मुस्कुराता हुआ चेहरा, पांच साल के बच्चे जैसा स्वरूप, युवराज जैसा चेहरा और दिव्य दृष्टि शामिल थी। योगीराज का कहना था कि जब वह रामलला की मूर्ति बना रहे थे तब रोजाना एक बंदर आता था और मूर्ति को देखता था। वहीं, जब ठंड बढ़ने लगी तो उन्होंने तिरपाल लगा दिया, लेकिन इसके बाद भी बंदर वहां आता रहा और अंदर मूर्ति को देखने के लिए वह तिरपाल पर खटखटाता भी था।