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अंबिकापुर। होली के दिन उत्तर छत्तीसगढ़ में मौसम का मिजाज बदल गया। दोपहर बाद आकाश में बादल छाए। तेज हवाएं चलनी शुरू हो गई। सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर शहर सहित छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थल मैनपाट में जमकर ओलावृष्टि हुई। मौसम विज्ञानियों ने बताया कि विक्षोभ के असर से मौसम में बदलाव हुआ है।
30 व 31 मार्च को भी उत्तर छत्तीसगढ़ में गरज-चमक के साथ बारिश होगी। इस अवधि में कहीं-कहीं ओलावृष्टि का भी पूर्वानुमान हैं। होली के दिन दोपहर बाद अंबिकापुर शहर में मौसम ने करवट ली। अचानक धूल भरी हवाएं चलनी शुरू हुई। थोड़ी देर बार बारिश हुई और ओले भी गिरे। शहरी क्षेत्र में अचानक ओलावृष्टि से अफरातफरी मच गई थी।
पर्यटन स्थल मैनपाट के ललेया और परपटीया में 10 से 15 मिनट तक हुई ओलावृष्टि के बाद जमीन पर बर्फ की सफेद मोटी चादर बिछ गई थी। चारों ओर सफेद नजर आ रहा था। ओलावृष्टि के कारण आम और लीची को जबरदस्त नुकसान हुआ है। ओलावृष्टि सिर्फ अंबिकापुर शहरी क्षेत्र और मैनपाट के ऐसे इलाके में हुई जहां खेतों में फसल नहीं थी।
मैदानी क्षेत्रों में गेहूं की फसल पक कर तैयार हो चुकी है इसलिए किसान चिंतित है। यदि मैदानी क्षेत्र में बारिश और ओलावृष्टि हुई तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। पिछले पखवाड़े भर से उत्तर छत्तीसगढ़ में मौसम का मिजाज नरम-गरम बना हुआ है।
पिछले हफ्ते भी उत्तर छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्रों में बारिश हुई थी। ओले भी गिरे थे। ओलावृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान का आकलन भी कराया गया है। राज्य सरकार की ओर से बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान का मुआवजा दिए जाने का भरोसा किसानों को दिया गया है।