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नई दिल्ली: जिस तरह हाथ में शुभ फल बताने वाली रेखाएं होती हैं, वैसे ही अशुभ फल के बारे में बताने वाली रेखाएं भी होती हैं. हस्तरेखा विज्ञान में शुभ-अशुभ रेखाओं के बारे में कुछ खास बातें बताई गईं हैं. जैसे- हाथ की खड़ी रेखाएं तरक्की, उन्नति और धन के बारे में बताती हैं. वहीं आड़ी रेखाएं जीवन में आने वाले संकटों के बारे में बताती हैं. इसी तरह रेखा यदि शुरुआत में मोटी है तो उसे अच्छा माना जाता है वहीं आखिर में मोटी होने वाली रेखा कष्ट रेखा मानी जाती है. ज्योतिष में ऐसी रेखाओं को संकट की रेखा माना गया है. हालांकि इसमें कुछ अपवाद भी शामिल हैं.
ये रेखाएं देती हैं संकट के संकेत
– मंगल क्षेत्र में यदि ये संकट रेखाएं हों तो व्यक्ति को संपत्ति के मामले में खासी समस्याएं उठानी पड़ सकती हैं. फिर भले ही वह संपत्ति उसके द्वारा खरीदी गई हो या विरासत में मिली हो.
– शनि पर्वत पर यदि संकट रेखाएं हों तो यह व्यक्ति को धन तो देती हैं लेकिन उसे बहुत घमंडी भी बना देती हैं. इससे व्यक्ति तरक्की करके भी वैसा सम्मन नहीं पा पाता है, जिसका वो हकदार होता है.
– बुध पर्वत पर संकट की रेखाएं होना व्यापार में नुकसान का कारण बनता है. ऐसे लोगों को बिजनेस डील करने में बहुत सावधानी बरतनी चाहिए.
– बृहस्पति पर्वत पर रेखाओं का ऊपर से नीचे की ओर गिरते हुए आना कोई बड़ी बीमारी होने का संकेत है. ये रेखाएं भाग्य में भी कमी करती हैं.
हालांकि हाथ में संकट रेखाओं का होने का मतलब है कि जीवन के संबंधित पहलुओं में मुश्किलें झेलनी पड़ेंगी लेकिन समय रहते कुछ उपाय करके इन समस्याओं को टाला भी जा सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. )