महान विद्वान आचार्य चाणक्य ने कूटनीति, राजनीति, अर्थशास्त्र के अलावा व्यवहारिक जीवन की बातों के बारे में भी बताया है. उन्होंने पति-पत्नी के रिश्ते से जुड़ी कई अहम बातें बताई हैं जो उनके मजबूत रिश्ते के लिए बेहद जरूरी हैं. ये बातें आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी मौर्य शासन के समय में थीं. आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र चाणक्य नीति में पति-पत्नी के बीच के अंतर पर भी मार्गदर्शन दिया है. साथ ही सम्मानजनक सुखी जीवन जीने के लिए बेहद जरूरी बातों का भी उल्लेख किया है.
पति-पत्नी की उम्र में न हो ज्यादा अंतर
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पति-पत्नी के रिश्ते में जरूरी है कि वे दोनों एक-दूसरे से हर तरह से संतुष्ट हों. यदि उम्र में ज्यादा अंतर होगा तो ना तो उनके विचारों में समानता होगी और ना ही एक जैसी सोच होगी. उम्र का अंतर उनके शरीर और मन-मस्तिष्क आदि के लिए सही नहीं है. बुजुर्ग व्यक्ति यदि जवान महिला से विवाह कर ले तो ऐसे बेमेल विवाह में तालमेल बैठना मुश्किल हो जाता है. ऐसी स्थिति दांपत्य जीवन में जहर घोल देती है और शादी खत्म होते देर नहीं लगती है. लिहाजा पति-पत्नी की उम्र में ज्यादा अंतर नहीं होना चाहिए.
अमीरों की महफिल में न जाएं
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि गरीब व्यक्ति अपमान से बचना चाहता है तो उसे कभी भी अमीर आदमी के यहां बड़े आयोजन में नहीं जाना चाहिए. एक तरफ वहां की चमक-धमक जहां उसे हीन भावना से भर देती है. वहीं ऐसी जगह पर उसका अपमान होने की प्रबल आशंका रहती है.
इसी तरह यदि आपका पेट खराब है तो सामने कितना भी अच्छा भोजन क्यों न रखा हो, उसे न खाएं. ऐसी स्थिति में अपने पेट को आराम दें, वरना मुसीबत कम होने की जगह बढ़ ही जाएगी.