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कॉल आने पर पुलिस थाने, जिले की सीमा या क्षेत्राधिकार का कोई बहाना नहीं चलेगा. पुलिस विभाग के एडीजीपी आधुनिकीकरण और आईटीएएस चावला इस पर काम कर रहे हैं. डायल- 112 की गाड़ियों को हाईवे पर बिना किसी कॉल के 70 के अधिक स्पीड पर नहीं भगा सकेंगे.
100 की स्पीड से चलने पर गाड़ियों को अलार्म बजना शुरू हो जाएगा
Criminals, असामाजिक तत्वों का पीछा करने पर ही 100 की speed में चलने की अनुमति होगी. बेवजह 100 की स्पीड से चलने पर गाड़ियों को अलार्म बजना शुरू हो जाएगा. गाड़ियों में लगे स्पीकर में यह संदेश आएगा कि बिना किसी काम के इतनी तेजी से क्यों चल रहे हैं. अंधाधुन स्पीड के दौरान दौड़ने पर गाड़ियों का पूरा रिकॉर्ड परियोजना मुख्यालय में दर्ज होने के बाद, मुख्यमंत्री कार्यालय को भी जाएगा. बार-बार आदेशों को न मान ने वाले वाले स्टाफ पर कार्रवाई भी होगी. गाड़ी अगर एक स्थान पर काफी समय से खड़ी है तो गश्त करने का अलर्ट आएगा और कॉल पर मौके पर पहुंचना होगा, बेशक शिकायत शरारतपूर्ण ही क्यों ना हो.
जानकर बदनीयती करने वालों को दंडित करेंगे चावला
ADGP AS Chawla ने कहा कि डायल- 112 की कमियों को दूर करने जा रहे हैं. Home Minister Anil Vij और प्रदेश सरकार को नए बदलाव के बारे में बताया जा चुका है. कमियां दूर करने के साथ बेवजह परेशान करने वाले को Punished किया जाएगा. 97 फीसदी शिकायतें ठीक होती है 3 फीसदी शिकायतें ही अभी तक शरारतपूर्ण पाई गई है. अब सरकार शरारत करने वालों के लिए भी दंड का प्रावधान करने जा रही है. गाड़ियों पर तैनात स्टाफ को साफ हिदायत है कि शिकायतकर्ता के साथ ठीक से बातचीत करें, क्योंकि दाल में नमक ज्यादा डालने की शिकायतें तभी आती है.
क्यों पड़ी डायल 112 की जरूरत
सो नंबर पर अधिकांश फोन नहीं उठते थे. फोन उठाने पर बातचीत का लहजा ठीक नहीं, घटनास्थल पर देरी से पहुंचना, सीमा से बाहर थाना क्षेत्र में होने का बहाना.
सभी शिकायतों पर पहुंचने का रिकॉर्ड
कॉल आते ही डायल- 112 की गाड़ियों का शत-प्रतिशत जगह पहुंचने का रिकॉर्ड है. मौके पर पहुंचकर यह देखा जाता है कि शिकायत घरेलू तरह की है या मामला आपराधिक है, उसके आधार पर अगली कार्रवाई की जाती है. शहर में 10 से 15 मिनट और गांव में 20 से 30 मिनट पर गाड़ियां मौके पर पहुंचती है.