चीन में फैले कोरोना की स्थिति को देखते हुए भारत में सख्तियां शुरू कर दी गई है। अब से सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाना जरूरी हो गया है। विश्व में फैली दहशत को देखते हुए केंद्र सरकार ने तीन बड़े और अहम फैसलें लिए है। आइए जानते है क्या है वो फैसले।
पहला फैसला: नेजल वैक्सीन को मंजूरी
विश्व में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए भारत सरकार ने नेजल वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। ये वैक्सीन नाक के जरिए लोगों को दी जाएगी। इसे बूस्टर डोज के तौर पर दिया जाएगा। नेजल वैक्सीन पहले प्राइवेट अस्पतालों में लगाएं जाने का फैसला किया गया है।
दूसरा फैसला : ऑल इंडिया मॉक ड्रिल
इसके अलावा दूसरा फैसला ऑल इंडिया मॉक ड्रिल को लेकर लिया गया है। 27 दिसंबर को मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। जिससे कोरोना की स्थिति से निपटने की तैयारी का अभ्यास हो पाएगा।
तीसरा फैसला : नए साल के लिए नई एडवाइजरी
वहीं बढ़ते हुए कोरोना के मामलों को देखते हुए सरकार ने नई एडवाइजरी जारी की है। दरअसल नए साल की खुशी में पार्टी और धूमधाम के बीच कोरोना के केसेस में इजाफा हो जाता है। इसी को देखते हुए सरकार ने नई एडवाइजरी जारी की है।
आज के समय में चीन में जिस तरह कोरोना ने तबाही मचा रखी है। कुछ वैसा ही हाल 2020-21 में भारत में था। भारत में इस महामारी का सबसे बुरा दौर इस दौरान देखा गया था। कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच केंद्र सरकार ने भारत बायोटेक कंपनी की नेज़ल वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। ये वैक्सीन आज से ही अस्पतालों में उपलब्ध होगी। नेजल वैक्सीन का मतलब ये है कि वैक्सीन इंजेक्शन के जरिए नहीं बल्कि नाक के जरिए डाली जाएगी और यह बूस्टर डोज के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। शुरुआती चरण में ये वैक्सीन प्राइवेट अस्पताल में मिलेगी और जिन लोगों ने कोविशिल्ड और कोवैक्सीन वैक्सीन ले रखी है। वो लोग भी भारत बायोटेक कंपनी की नेज़ल वैक्सीन ले सकते हैं।
नेज़ल वैक्सीन को मंजूरी
नाक के जरिए वैक्सीन
बूस्टर डोज के तौर पर इस्तेमाल
प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध
कोविशिल्ड,कोवैक्सीन लगाने वाले लेंगे
भारत बायोटेक की नेज़ल वैक्सीन को मंज़ूरी
बता दें कि देश में कोरोना अभी कंट्रोल में है, लेकिन सरकार तैयारी में कोई कोताही बरतनी नहीं चाहती है। 27 दिसंबर को देशभर में बहुत बड़ी मॉक ड्रिल होगी। देश भर के अस्पतालों में इमरजेंसी मॉक ड्रिल की जाएगी। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी एक हॉस्पिटल का दौरा करेंगे। इस मॉक ड्रिल के जरिए इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम चेक किया जाएगा ताकि जरूरत पड़ने पर कोरोना के बड़े से बड़े खतरे से निपटा जा सके।
राहत की बात ये है कि भारत में कोरोना के केस दूसरे देशों की तुलना में सबसे कम हैं। दुनिया में कोरोना के डेली केस बढ़ रहे हैं लेकिन भारत में घट रहे हैं। जापान में कोरोना के डेली केस का औसत डेढ़ लाख से भी ज्यादा है, दक्षिण कोरिया में ये 67 हज़ार से ज्यादा है, अमेरिका में रोज औसतन 65 हज़ार से भी ज्यादा कोविड केस आ रहे हैं, फ्रांस में ये आंकड़ा 49 हज़ार के करीब है, जर्मनी में भी रोज तकरीबन 33 हज़ार कोविड केस आ रहे हैं, इटली में हर रोज औसतन 25 हजार नए केस मिल रहे हैं लेकिन भारत में ये आंकड़ा महज डेढ़ सौ के करीब है। यहां रोज औसतन सिर्फ 153 नए केस आ रहे हैं।
भारत में कोरोना के एवरेज डेली केस कैसे लगातार घट रहे हैं। दो महीने पहले हर रोज औसतन 1467 नए केस आते थे। उसके बाद नवंबर महीने में ये आंकड़ा और ज्यादा कम हुआ। नवंबर के पहले हफ्ते में डेली केस 974 तक पहुंच गए तो नवंबर के दूसरे हफ्ते में डेली केस 652 तक गिर गए। फिर ये आंकड़ा 500 से नीचे चला गया। दिसंबर के पहले हफ्ते में डेली केस महज 221 रह गए। दिसंबर के दूसरे हफ्ते में ये आंकड़ा गिर कर 180 तक पहुंच गया और इस हफ्ते डेली केस का औसत सिर्फ 153 है।